जगम्मनपुर -जालौन । धन का लालच आदमी कितना अंधा बना देता है कि उसे अपने द्वारा किए जा रहे कृत्य के परिणाम की परवाह नहीं रहती और कुछ भी उचित अनुचित करना ठीक लगता है ।
उक्त कथन का प्रमाण विकासखंड रामपुरा के ग्राम पंचायत जगम्मनपुर में अनेक विवादों आरोप प्रत्यारोपों के बाद ग्राम पंचायत सचिव केशव कांत त्रिपाठी का स्थानांतरण के उपरांत भी गांव पंचायत के प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों के विड्रोल स्लिप पर हस्ताक्षर कर धन निकलवाने के प्रयास से मिलता है ।
ज्ञात हो की रामपुरा विकासखंड के ग्राम जगम्मनपुर में सचिव केशव कांत त्रिपाठी द्वारा ग्राम प्रधान राहुल मिश्रा से बिना पूछे अपनी मनमर्जी से काम करने को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था जिस पर कुछ दलाल किस्म के लोग ग्राम पंचायत सचिव केशव कांत के पक्ष में अधिकारियों पर दबाव बनाते रहे ।अनेक प्रकार की जांच में ग्राम पंचायत सचिव केशव कांत त्रिपाठी दोषी पाए गए और उनका स्थानांतरण नदीगांव विकास खंड कर दिया गया और उन्होंने जगम्मनपुर का चार्ज 22 सितंबर को छोड़ दिया तथा 27 सितंबर को जगम्मनपुर ग्राम पंचायत का चार्ज राम कुमार ग्राम पंचायत सचिव ने ग्रहण कर लिया सभी संबंधित बैंकों में अपने हस्ताक्षर प्रमाणित करवा दिए । ग्राम पंचायत का खाता नवागंतुक सचिव राम कुमार एवं ग्राम प्रधान राहुल मिश्रा के हस्ताक्षर से संचालित हो गया लेकिन स्थानांतरित सचिव का लालच तो देखो की स्थानांतरण के 6 बाद वह 28 सितंबर को प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी गजेंद्र सिंह सेंगर पुत्र मन्नी सिंह जगम्मनपुर के बैंक खाते से 40 हजार निकासी के लिए विड्रोल स्लिप पर द्वितीय निकासी धन राशि निर्गत करने के लिए अपनी स्वीकृति हस्ताक्षर कर दिए जबकि 28 सितंबर को ग्राम पंचायत सचिव केशव कांत त्रिपाठी को ग्राम पंचायत जगम्मनपुर के किसी खाते से संबंधित किसी कागजात पर हस्ताक्षर करने का कोई अधिकार नहीं था ।हालांकि आवास लाभार्थी द्वारा बैंक में निकासी स्लिप लगाने के बाद शाखा प्रबंधक द्वारा धन निकासी से मना कर दिया गया लेकिन ग्राम पंचायत सचिव के इस कृत्य से प्रतीत होता है कि वह जगम्मनपुर पंचायत में अपने द्वारा आवास वितरण में की गई गड़बड़ी का लाभ उठाकर अपना काम पूरा करना चाहते हैं।