नई दिल्ली | मध्य प्रदेश में जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में लगे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में उन्हें सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि असहिष्णुता और गौरक्षकों की हिंसा उनके लिए कोई मुद्दा नहीं हैं।
शिवराज का मानना है कि उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि व उनका कामकाज और राज्य में बते 12 वर्षो में खुद उनके नेतृत्व में सरकार के कामकाज से चुनावों के दौरान वोट मांगने में उन्हें मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, “विपक्ष मोदी की क्षमता, प्रतिभा और उनकी लोकप्रियता से जला-भुना हुआ है।”
अमित शाह ने अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में चौहान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। चौहान (58) ने माना कि राज्य में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी है लेकिन उन्हें लगता है कि कांग्रेस से कोई खतरा नहीं है।
चौहान ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “यदि आप किसी भी नेता से यह सवाल करेंगे तो यकीनन वह यही कहेगा कि सत्ता विरोधी लहर नहीं है। लेकिन मैं अपने दिल की गहराइयों से कह रहा हूं कि आज 12 साल के बाद भी लोगों में कोई बेचैनी नहीं है।”
उन्होंने कहा, “अब हमारे पास दो लाभ हैं। एक मोदीजी और उनका नेतृत्व और दूसरा राज्य सरकार की उपलब्धियां।मोदीजी की वजह से दुनिया में भारत का कद बढ़ा है। सभी भारतीयों की तरह मध्य प्रदेश के हर नागरिक को गर्व होता है। इसके अलावा मोदी जी की योजनाएं भी हैं। उज्जवला योजना चमत्कार साबित हुई है। मध्य प्रदेश के सिर्फ एक जिले में हमने लगभग 90,000 गैस सिलेंडर बांटे हैं। यकीनन हमें उनके कर्मपुरुष की छवि से लाभ मिलेगा।”
चौहान ने चीन के साथ डोकलाम विवाद के समाधान का हवाला देते हुए कहा, “हर भारतीय को गर्व है कि मोदीजी ने चीन को सीधा कर दिया है। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए यह संदेश गया था कि हम चीजों को ठीक कर सकते हैं। मोदीजी की वजह से राष्ट्रीय गर्व और आत्मसम्मान की भावना लोगों में बढ़ी है। यकीनन, इन सब की वजह से सत्ता विरोधी लहर नहीं होगी। लोगों को लगता है कि केंद्र में मजबूत सरकार है।”
राष्ट्रीय संदर्भ में असहिष्णुता और गोरक्षकों की हिंसा के मुद्दे पर पूछने पर चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में यह कोई मुद्दा नहीं है, यहां बीफ पर प्रतिबंध है और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
चौहान ने कहा, “एक-दो छिपुट घटनाएं हुई हैं लेकिन इसके लिए पूरे राज्य पर आरोप नहीं लगाया जा सकता। यदि कुछ हुआ है तो हमने त्वरित कदम उठाए हैं। कानून एवं व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है और किसी को भी इसे तोड़ने की इजाजत नहीं है।”
उन्होंने कहा कि राज्य का रुख नक्सलियों और डकैतों को लेकर सख्त है। वह कहते हैं, “सिमी नेटवर्क खत्म हो चुका है। मध्य प्रदेश एक शांतिपूर्ण राज्य है, जहां लोग सौहार्दपूर्ण तरीके से रहते हैं। भेदभाव का कोई मुद्दा नहीं है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के घर में भी हम सभी धर्मो और समुदाय के लोगों के साथ मिलकर सभी त्योहर मनाते हैं।”
चौहान ने कट्टरवादी ताकतों के समर्थन के बारे में पूछने पर कहा कि न ही भाजपा और न ही आरएसएस इस तरह की ताकतों का समर्थन करती है। व्यक्तिगत रूप से लोग इन गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। हम कानून के अनुरूप ही कार्रवाई करते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने और उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करने पर विपक्षी दलों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा, “विपक्ष मोदी जी की क्षमता, उनकी प्रतिभा और देश और लोगों के प्रति उनके समर्पण से ईष्र्या में है। इसलिए वे उन्हें निशाना बना रहे हैं।”
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सलाह को याद करते हुए कहा कि ‘किसी की लकीर को मिटाकर नहीं बल्कि उसके समक्ष बड़ी लकीर खींचकर आप खुद को साबित कर सकते हैं’।
उन्होंने कहा, “मोदी से ईष्र्या करने के बजाए विपक्ष के साथियों को कुछ बड़ा करना चाहिए लेकिन उनमें क्षमता ही नहीं है। इसलिए वे मोदीजी को निशाना बनाते हैं और ऐसा करके वे और गर्त में जा रहे हैं। वे जमीनी स्तर पर प्रधानमंत्री से लड़ नहीं सकते इसलिए वे अपशब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बनाते हैं।”
यह पूछने पर कि वह अपना प्रतिद्वंद्वी किसे मानते हैं। इसके जवाब में चौहान ने स्वीकार किया कि कांग्रेस ही मुख्य प्रतिद्वंद्वी है।
उन्होंने कहा, “लेकिन, मैं उनके और उनके नेतृत्व के बारे में नहीं सोचता। ये उनका अपना नजरिया है। उन्हें अपना नेतृत्व बनाने की जरूरत है। हम विकास और अपने कार्यो में लगे हुए हैं। कांग्रेस नेता जिस तरह की बातें कर रहे हैं या बयान दे रहे हैं, उन्हें सिर्फ भगवान ही बचा सकता है।”