नई दिल्ली 20 सितम्बरः बाबा राम रहीम को लेकर रोज नये खुलासे हो रहे हैं। एसआईटी की जांच मे हुये खुलासे के बाद लोग आश्चर्यचकित है। यहां करीब 600 से ज्यादा नरकंकाल दबे हुये हैं।
डेरे की छानबीन के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगनेशन टीम कई लोगों से लगातार पूछताछ कर रही है। इस बीच SIT की पूछताछ में डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. पीआर नैन ने बड़ा खुलासा किया है।
नैन ने SIT को जो जानकारी दी है, उसके अनुसार डेरे की जमीन में 600 लोगों के नरकंकाल दबे हुए हैं। इससे जुड़े सारे रिकॉर्ड नैन ने SIT को सौंप दिया। हिन्दी समाचार पत्र अमर उजाल के अनुसार SIT इंचार्ज कुलदीप बेनीवाल ने नैन से ढाई घंटे में करीब 50 सवाल किए।
नैन ने खुलासा किया कि जर्मन वैज्ञानिक की सलाह थी कि जमीन में हड्डियां होंगी तो उससे उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी। इतना ही नहीं उसने मेडिकल कॉलेज पर खुलासा किया कि डेरे ने निजी मेडिकल कॉलेज में शव नहीं भेजे, अनुयायियों ने खुद भेजे थे। नैन ने यह दावा भी किया कि हनीप्रीत को विपश्यना ने बुलाया था, लेकिन उससे कोई संपर्क नहीं हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार डेरे में जो खेती होती है, उसकी जिम्मेदारी नैन की होती है। ऐसे में पुलिस ने उससे पूछा कि क्या डेरे के पेड़ पौधों के नीचे नरकंकाल दबे हैं? इस पर उसने जवाब दिया कि डेरा अनुयायियों का यह मानना था कि अगर उनका शव डेरे में ही दफन किया जाएगा तो उन्हें मोक्ष मिलेगा। अनुयायियों की इच्छा के कारण प्रबंधन ने एक वैज्ञानिक से सलाह ली थी। उसने भी कहा था कि हड्डियों में फास्फोरस होती है, जो जमीन के उपजाऊ होने की शक्ति कई गुणा बढ़ा देगी।
जानकारी के अनुसार SIT की ओर से पूछे जा रहे सवालों पर नैन खीझ रहा था। वो सवाल झेल नहीं पा रहा था। पेशे से डॉक्टर 76 वर्षी नैन ने कहा कि वो हार्ट पेशेंट है, शुगर का मरीज है। उससे SIT ने करीब 50 सवाल पूछे थे, जिनमें से वो आधे जवाब ही दे पाया।