नई दिल्ली 6 अक्टूबरः एक पुराना गीत है। वक्त की हर शै गुलाम। कुछ ऐसा ही हनीप्रीत के हालातो को देखकर लगता है। कल तक राजशाही अंदाज मे जिन्दगी जीने वाली हनीप्रीत आज जेल की सलाखांे के पीछे गुमनाम जिन्दगी जी रही हैं।
यानि जो कुछ है, वो सब यही देखना पड़ता है।बाबा राम रहीम के साथ खुशियो के आसमान मे उड़ रही हनीप्रीत ने शायद सपने मे भी नहीं सोचा होगा कि उसे एक दिन जेल की सलाखांे के पीछे रहना पड़ेगा।पुलिस से 40 दिन तक भागती फिरी हनीप्रीत आखिर सलाखांे के पीछे चली ही गयी।
अब वो गुमशुम है।कुछ बोलती नहीं। शायद अपने किये कर्मोे का एकान्त मे आकलन कर रही है। वैसे पुलिस आज उसे लेकर सिरसा जा रही है। यहां डेरे मे हुये कार्यों को लेकर पूछताछ करेगी।बाबा की हमराज हनीप्रीत पुलिस को सहयोग न करने के अंदाज में गुमशुम होकर अपने बुरे समय को काटना चाहती है।
बरहाल, जेल मे एकान्त मे बैठी हनीप्रीत की यह तस्वीर देखने के बाद उन लोगो को जरूर सोचना चाहिये, जो यकायक जिन्दगी को सुनहरे पन्नो मे दर्ज करने की चाहत मे शार्ट कट अपनाते हैं?