लखनउ 12 जनवरीः जमीयत उलेमा ए हिन्द ने वसीम रिजवी को लीगल नोटिस भेजा है। यह नोटिस रिजवी के पीएम मोदी को मदरसो को लेकर भेजे गये पत्र को लेकर है। पत्र मे रिजवी ने मदरसो को आतंक का अडडा बताकर इनहे बंद करने की सिफारिश की थी।
मदरसों पर रिजवी का लेटर, 5 प्वाइंट
1) कितने मदरसों ने डॉक्टर-इंजीनियर दिए?
– रिजवी ने लिखा, “कितने मदरसों ने इंजीनियर, डॉक्टर, IAS अफसर दिए हैं? कुछ मदरसों ने आतंकवादी जरूर पैदा किए।”
2) मदरसों को खत्म करने की जरूरत
– ” कुछ संगठन और कट्टरपंथी मुस्लिम बच्चों को सिर्फ मदरसे की शिक्षा देकर उन्हें सामान्य शिक्षा की मुख्यधारा से दूर कर रहे हैं। मदरसों में जो बच्चे पढ़ रहे हैं, उनकी शिक्षा का स्तर निचला है। मदरसों को खत्म करने की जरूरत है और उसकी जगह सामान्य शिक्षा नीति बनाई जाए।”
3) CBSE, ICSE से जोड़े जाएं मदरसे
– उन्होंने लिखा, “मदरसों को CBSE, ICSE से जोड़ा जाए और इनमें नॉन-मुस्लिम स्टूडेंट्स को पढ़ने की इजाजत दी जाए। धार्मिक शिक्षा को इसमें ऑप्शनल रखा जाए। इससे देश मजबूत होगा।”
4) मदरसों के बच्चे आतंकियों का आसान शिकार
– “मदरसों में स्टूडेंट्स को सही शिक्षा ना मिलने का नतीजा होता है कि वो देश की मुख्य धारा से अलग-थलग हो जाते हैं। धीरे-धारे आतंकवाद की ओर उनका रूझान बढ़ जाता है। ऐसे गरीब और पिछड़े बच्चे आतंकियों के लिए एक आसान शिकार की तरह होते हैं।”
5) मदरसों को हो रही फंडिंग की जांच की जाए
– रिजवी ने लिखा, “ज्यादातर मदरसे जकात के पैसे से चल रहे हैं, जो भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से आ रहे हैं। कुछ आतंकवादी संगठन भी अवैध रूप से चल रहे मदरसों को फंडिंग कर रहे हैं। मुस्लिम इलाकों में ज्यादातर मदरसे सऊदी अरब की फंडिंग चल रहे हैं। इसकी जांच की जानी चाहिए।”