विश्वकप हॉकी में कांस्य पदक जीत कर लौटे झांसी के लाल सौरभ का स्टेशन पर हुआ भव्य स्वागत

झांसी। जूनियर हॉकी विश्वकप में झांसी नगर का गौरव बढ़ाने वाले सौरभ आनंद कुशवाहा जब अपने गृह नगर झांसी रेलवे स्टेशन पर जूनियर हॉकी विश्वकप में भारतीय टीम द्वारा जीते गए कांस्य पदक को गले में धारण कर मंगलवार को गतिमान एक्सप्रेस से झांसी के रेलवे स्टेशन पर उतरे तो नजारा देखने लायक था,सैकड़ों लोग उनके स्वागत में स्टेशन पर जमा थे।अपने टाइगर को विश्वकप का पदक गले में पहने देख स्वागत के लिए पहुंचे सभी गर्व की अनुभूति कर उत्साह से लवरेज दिख रहे थे,मानों उन्हीं ने विश्वकप का पदक जीता हो।
सौरभ ने ट्रेन से उतरते ही सबसे पहले अपने पिता को पदक प्रदान कर उनके पैर छुए,तो पिता केशवानंद की आंखें नम हो गई।
स्टेशन पर सौरभ के परिजनों के अलावा हॉकी झांसी के पदाधिकारी, अन्य खेलो के खिलाड़ी, शहर के गणमान्य नागरिकों ने अपने लाडले का फूल माला शॉल पहनाकर स्वागत अभिनंदन किया।इसके बाद सौरभ काली कार में बैठे और डी जे पर चक दे इंडिया की धुन पर थिरकते शुभचिंतकों का काफिला चित्रा चौराहे पर अपने आदर्श हॉकी जादूगर मेजर ध्यानचंद की मूर्ति पर पहुंचे और उन्हें नमन किया। फिर इलाईट चौराहे से जीवनशाह होते हुए लक्ष्मी व्यायाम मंदिर के सामने गणेश भवन में स्वागत यात्रा का स्वल्पाहार के साथ समापन हुआ। इस स्वागत और सम्मान के बाद सौरभ ने खेल विश्लेषक बृजेंद्र यादव से बातचीत में कहा कि मैं सभी का आभारी हूं जिन्होंने समय निकाल कर मेरे स्वागत समारोह में शामिल हुए।उन्होंने कहा आज मैं जो कुछ भी हूं अपने माता पिता और अपने स्व.गुरू कैलाश सर की वजह से हूं। अपने जूनियर साथियों के लिए उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन से आप मेरे जैसा और उससे बेहतर बन कर देश के लिए खेल सकते हो।

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