नैना
नई दिल्ली 28 फरवरीः सिने अभिनेत्री श्रीदेवी का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। लाखो लोगो की भीड़ के बीच पार्थिव शरीर जब मुक्तिधाम पहुंचा, तो हर आंख नम हो गयी। श्रीदेवी को सुहागन का श्रंृगार किया गया था। इस श्रृंगारमे काफी विशेषताएं है, जो कम लोग ही जानते हैं। आइये हम आपको इसके बारे मे जानकारी देते हैं।
हम श्रीदेवी के आखिरी फोटो की जिस चीज के बारे में बात कर रहे हैं वह है उनके गले में पहनी गई एक ख़ास ज्वैलरी है. उनके गले में मंगलसूत्र, पर्ल बीडिड नेकपीस (गुट्टापुसालू हारम) और टेंपल ज्वैलरी थी. टेंपल ज्वैलरी डिजाइन की एक श्रेणी है. तमिल संस्कृति में इस तरह की ज्वैलरी का काफी अहम स्थान है.
श्रीदेवी का जन्म एक तमिल परिवार में हुआ था. अंतिम विदाई के दौरान उन्हें साउथ की सोने की ट्रेडिशनल ज्वैलरी पहनाई गई. श्रीदेवी के गले की लॉन्ग नेकपीस (टेंपल ज्वैलरी) के बारे में बात करें तो ये दक्षिण भारतीय शैली में खास आभूषण माना जाता है. इसका ऐतिहासिक महत्व रहा है. मंदिर के देवी-देवताओं की आकृतियों से सजे इस ज्वैलरी को पुराने समय में मंदिर की नृत्यांगनाएं पहना करती थीं. बाद में संभ्रात परिवार की महिलाओं में भी इसे पहनने का चलन शुरू हो गया.
टेंपल ज्वैलरी अभी भी अपने प्राचीन रूप में ही चलन में है. टेंपल ज्वैलरी को दक्षिण भारत में नाक्शी ज्वैलरी भी कहा जाता है. इसमें देवी-देवताओं की खूबसूरत आकृतियां बनी होती हैं. टेंपल ज्वैलरी गले के अलावा भी कई अंगों के लिए बनाए जाते हैं. जैसे माथा पट्टी, कमर बंद और कर्णफूल बेहद लोकप्रिय हैं. भारत के दक्षिणी हिस्से में दुल्हनों को पहनाया जाता है. पारंपरिक सिल्क साड़ी के साथ पीले सोने से बनी टेंपल ज्वैलरी पहनना साउथ के कल्चर का अहम हिस्सा माना जाता है. अब ये आभूषण रेप्लिका में भी उपलब्ध हैं. ये फैशन ट्रेंड में आ चुका है.