सच निकली मार्केटसंवाद की खबर-उमा चुनाव जरूर लड़ेगी

नैना

नई दिल्ली 20 मईः अपने संसदीय क्षेत्र झांसी से चुनाव ना लड़ने का एलान करने वाली सांसद व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने आज साफ किया कि वो रिटायर होने के बारे मे नहीं सोच रही। अंतिम सांस तक राजनीति करेगी। उमा भारती के चुनाव ना लड़ने के बारे मे क्षेत्र मे जारी सियासी तूफान के बीच मार्केटसंवाद ने खबर प्रकाशित की थी। इसमे कहा गया था कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के तेवर के बाद उमा भारती ने क्षेत्र ना छोड़ने का फैसला किया है। आज उमा ने आज तक न्यूज चैनल को दिये इन्टरव्यू मे कहा कि वो राजनीति से रिटायर होने की बात नहीं कह रही। चुनाव जरूर लड़ेगी।

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अपने तीख तेवर के  लिये पहचाने जाने वाली उमा भारती पिछले कई सालो से संसदीय क्षेत्र से लापता थी। चंद दिन कार्यक्रम मे शामिल होने के बाद योजनाओ  के क्रियान्वयन और जनता से संवाद के लिये उमा ने अपने सांसद प्रतिनिधि को बागडोर सौंप दी थी।

उमा भारती के क्षेत्र से लापता रहने का आरोप लगाते हुये विभिन्न संगठनो  ने उन्हे घेरा भी। बुन्देलखरण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय तो बुन्देलखण्ड राज्य का उमा भारती का चुनाव वादा याद दिलाते हुये लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

भानू का कहना है कि उमा भारती ने लोकसभा चुनाव मे झांसी की जनता से वादा किया था कि सरकार बनने के तीन साल मे पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बन जाएगा। इसके बाद उमा भारती ने बुन्देलखण्ड राज्य को लेकर नया बयान दिया, जिसमे कहा कि मप्र के लोग बुन्देलखण्ड मे शामिल नहीं होना चाहते। इस पर मोर्चा के सदस्यो ने नक्सा सौंपा और बताया कि किस इलाके के लोग बुन्देलखण्ड के समर्थक हैं।

अपने ही घर मे विपक्ष के हमले का शिकार हो रही उमा भारती को लेकर पिछले दिनो  यह खबर आयी कि वो झांसी से चुनाव नहीं लड़ना चाहती। चुनाव ना लड़ने की जानकारी के बाद भाजपाई निराश हुये, तो यह खबर दिल्ली तक गूंजी।

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मिशन 2019 मे बुन्देलखण्ड फतह की तैयारी मे जुटे पार्टी अध्यक्ष तक जब यह मामला पहुंचा, तो उन्होने साफ कह कि दिया किसी भी सांसद का क्षेत्र बदलने का सवाल ही नहीं उठता। जानकार बताते है कि उमा भारती से यह कह दिया गया कि यदि वो चुनाव नहीं लड़ सकती, तो आराम फरमाये।

राजनीति से दूर रहने की आशंका से बेचैन उमा भारती ने तत्काल पलटी मारी और अपने संसदीय क्षेत्र मे सक्रिय हुयी। उमा ने पिछले दिनो  योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के साथ कारीडोर का शुभारंभ कराया।

जानकार बता रहे है कि क्षेत्र की जनता के गुस्से का शिकार हो रही उमा भारती ने कारीडोर जैसे मुददे उछाल कर विकास का नया हथियार सामने रखा है।

उमा भारती को लेकर क्षेत्र मे जबरदस्त रोष देखा जा रहा है। जनता को इस बात पर नाराजी है कि उमा चुनाव मे जनता से सीधे संवाद का दम भर रही थी अब दर्शन तक नहीं देती। विपक्ष भी उमा के लापता होने का आरोप लगाते हुये सवाल उठा रहा है।

संसदीय क्षेत्र मे विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लकीर मे काफी पीछे चल रही उमा भारती के गोद लिये गांव भी विकास की राह जोट रहे हैं। इसके अलावा झंशि मे ओवरब्रिज भी कम्पलीट नहीं हो पाया है।

क्षेत्र मे रोजगार की दिशा मे कारीडोर सौगात देने के सहारे उमा भारती आने वाले दिनो  मे किस प्रकार का स्टंट लेती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

 

 

 

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