झांसीः यदि सत्ता का रंग दूसरा होता, तो यकीन मानिये एक दरोगा की हिम्मत नहीं होती कि वो विधायक को आगे बढ़ने से रोक देता। शायद संस्कार और मर्यादाओ को सीमाओ को समझते हुये रवि शर्मा ने तनातनी के बाद भी अपना आपा नहीं खोया और दरोगा को केवल नसीहत देकर छोड़ दिया। यह मामला कल हुआ, जिसमे विधायक रवि शर्मा को खंडेराव गेट पर एक दरोगा ने कानून के रौब के आगे बौना साबित करने की कोशिश की।
बताया जा रहा है कि नगर विधायक रवि शर्मा अपने को हालातो के साथ एडजस्ट करने के लिये बीते रोज चार पाहिया वाहन की जगह दुपहिया वाहन से दुर्गा प्रतिमाओ के विसर्जन समारोह मे शामिल होने जा रहे थे।
खंडेराव गेट पर पहुंचने के दौरान उन्हंे कुछ युवको ने रोक लिया। युवकांे का कहना था कि यहां तैनात दरोगा टैक्टर पर रखी दुर्गा प्रतिमा को आगे नही ले जाने दे रहा। रवि शर्मा ने दरोगा से बात की, तो दरोगाजी के तेवर कुछ अलग ही थे।
कानून और व्यवस्थाओ के नाम पर दरोगा ने विधायक को ही लपेटे मंे ले लिया और कहा दिया कि आपका वाहन भी अंदर नहीं जा सकता। आप पैदल जाएं। हालात ऐसे हो गये कि दूसरे जनप्रतिनिधि को गुस्सा आ जाता। रवि ने सहजता का परिचय दिया और कहा कि युवक प्रतिमा ले जा रहे हैं, इससे क्या परेशानी है।
बताते है कि दरोगा किसी दूसरे रंग मे था या फिर हालातो ने उसे तनाव मंे कर दिया था। वो विधायक की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं हुआ। मौके पर मौजूद भीड़ ने जब दरोगा को समझाने की कोशिश की, तो बात थोड़ी सुलझी।
रवि शर्मा को व्यस्तता थी, इसलिये वो दरोगा से वाहन निकल जाने देने की बात कह कर आगे निकल गये।
इस घटना की नगर मे चर्चा रही। सभी ने विधायक की दरियादिली और नम्रता को सराहा। हालांकि पुलिस ऐसे किसी वाकये से इंकार कर रही है, लेकिन पुलिस को सत्ता के रंग के साथ स्वभाव न बदलने की अदा सभी के निशाने पर रही।
माना जा रहा है कि अब दरोगा को चिरगावं मे हुये विधायक जवाहर राजपूत के साथ सलूक की तरह सजा मिलने को तैयार रहना होगा?