समर्पण की शिक्षा देती है भागवत:राधामोहनदास
झांसी।नोटक्षीर बनगुवां बरूआसागर स्थित गिरवरधारी जू महाराज के 25 वें पावन प्राकट्य महा महोत्सव एवं श्री हनुमंत महायज्ञ के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के द्वितीय दिवस का प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास बुंदेलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास महाराज ने भीष्म पितामह और कुंती चरित्र का विस्तार से वर्णन किया।नारद जी के पूर्व जन्म की कथा एवं कर्दम ऋषि देहुति के विवाह संस्कार का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि भागवत हमें जीवन में समर्पण की शिक्षा देती है। जब प्राणी परमात्मा के प्रति समर्पण का भाव बना लेता है तो फिर उसके भीतर का अहंकार खत्म हो जाता है और उसे प्रभु कृपा प्राप्त होने लगती है। प्रात:कालीन बेला में यज्ञाचार्य रामलखन उपाध्याय एवं पं.अनिल तिवारी ने श्री गणेश पूजन, कलश पूजन,व्यास पीठ पूजन एवं पुराण पूजन विधि विधान से कराया। इससे पूर्व
पारीछित ममता अजय अग्रवाल, दीर्घा विजयी चौधरी,गीता राजेंद्र अग्रवाल ,मुस्कान धीरज कुशवाहा, रमा आशाराम कुशवाहा, राजेश्वरी कोमल सिंह सिजरिया, जयकुंवर लालाराम कुशवाहा, सुनीता रामसिंह, फूलवती बृजमोहन साहू,रज़नी मारुति दीक्षित एवं गिरवरधारी जू मंदिर के पुजारी मदनमोहन दास एवं राधाबल्लभ महाराज श्रीधाम वृंदावन ने महाराजश्री का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण की आरती उतारी।अंत में व्यवस्थापक परमानंद दास ने सभी का आभार व्यक्त किया।रात्रि में श्रीधाम वृंदावन धाम से पधारे श्रीहितआदर्श कृष्णकला भक्तमाल चरित्र रामलीला मंडल के कलाकारों ने स्वामी देवेंद्र वशिष्ठ के निर्देशन में रावण बाणासुर संवाद,लक्ष्मण परशुराम संवाद एवं धनुष यज्ञ की लीला का मनमोहक मंचन किया।