सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला : लॉ ग्रेजुएट की सिविल जज पद पर सीधी भर्ती रद्द, नई भर्ती प्रक्रिया मे तीन साल की कोर्ट प्रेक्टिस अनिवार्य
देहरादून।
*उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अनिल कुमार दीक्षित नें बताया कि आज 20 मई को सुप्रीम कोर्ट नें देश मे सिविल जज भर्ती के लिए तीन साल की प्रैक्टिस का नियम बहाल किया*
देश की सर्वोच्च अदालत नें लॉ ग्रेजुएट की सीधी भर्तीके नियम को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया कि सिविल जज की नियुक्ति के लिए 3 साल की कानूनी प्रैक्टिस अनिवार्य है अदालत का ये फैसला न्यायिक भर्ती और देशभर में हजारों लॉ ग्रेजुएट्स के लिए अहम है.
सुप्रीम कोर्ट नें सिविल जज की सीधी भर्ती मे नियम लागू करते हुए यह शर्तभी बहाल कर दी है कि न्यायिक सेवा में प्रवेश स्तर के पदों के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार के लिए वकील के रूप में न्यूनतम तीन साल का अभ्यास आवश्यक है. अभ्यास की अवधि उसके प्रोविजनल नामांकन की तारीख से मानी जा सकती है जिसका प्रमाणपत्र जिले का जनपद न्यायाधीश द्वारा जारी किया जाएगा
यह नियम आज से भविष्य की सभी न्यायिक जजों की भर्तियों पर लागू होगी