सांसद एवं मंत्री भानू वर्मा को काले झंडे दिखाने जाने वाले भानू और उनके साथियों को पुलिस ने रोका

*बुंदेलखंड राज्य निर्माण की आवाज़ लोक सभा में नहीं उठाने के विरोध में सांसद एवं मंत्री भानू वर्मा को काले झंडे दिखाने जाते समय थाना बड़ा गांव ने रोक लिया
गत लोकसभा (2014) चुनाव में झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सु.श्री. उमा भारती जी, राजनाथ सिंह जी एवं प्रधानमंत्री जी ने बुन्देलखंड राज्य 3 साल के भीतर बनवा देने का वादा बुन्देलखंड की जनता ने किया था। 3 साल की जगह 9 साल 6 माह पूरे हो गए है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात जनपदों क्रमशः झांसी, बाँदा, जालौन, हमीरपुर, ललितपुर, चित्रकूट एवं महोबा को मिलाकर बुन्देलखंड विकास बोर्ड का गठन किया है। इसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार ने सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, दतिया एवं निवाड़ी को मिलाकर बुन्देलखंड विकास प्राधिकरण का गठन किया है। इन्ही समस्त जिलों को बुन्देलखंड मानकर केंद्र सरकार ने बुन्देलखंड पैकेज दिया था।
इन क्षेत्रों के साथ लहार, पिछोर, करेरा, गोहांड, चंदेरी, गंजबासौदा, कटनी, सतना का चित्रकूट आदि क्षेत्रों को जोड़कर अखंड बुन्देलखंड राज्य का निर्माण किया जाना चाहिये।
*महोबा-हमीरपुर सांसद श्री पुष्पेंद्र सिंह चंदेल द्वारा प्रथक अखण्ड बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के लिए संसद में रखा गया प्राइवेट बिल को शीघ्र कैबिनेट की मंजूरी दी जाए जिससे राज्य निर्माण की प्रक्रिया साकार रूप लेना प्रारम्भ कर दे*।
हमीरपुर सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने लोक सभा में प्राइवेट मेंबर बिल रखा एवं सात बार आवाज़ उठाई पर अन्य आठो सांसद मौन धारण किये रहे।
जिन सांसदों ने लोक सभा में राज्य निर्माण की बात नहीं राखी है उनके पुतले फूके जाने एवं काले झंडे दिखाने की पूर्व घोषणानुसार सांसद एवं मंत्री भारत सरकार को काला झंडा दिखाने जालौन जाते समय थाना बड़ा गांव ने मोर्चा के योद्धाओ को रोक लिया।
गिरफ्तार किये जाते समय मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने कहा की मोर्चा के योद्धाओ के आंदोलन को दबाया नहीं जा सकता। लाठी मारो मुक़दमे लिखो पर हम डरने वाले नहीं है। मोर्चा के योद्धाओ का प्रयास रहेगा की मौन धारण करने वाले आठ सांसदों को आगामी लोक सभा चुनाव में जीतने नहीं दिया जाये।
देर दोपहर को थाना बड़ा गांव पुलिस ने सबको रिहा कर दिया।
गिरफ्तार होने वालो में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय रघुराज शर्मा, कुंवर बहादुर आदिम, संतोष द्विवेदी, प्रदीप झा, रामजी सिंह जादौन,अरुण रायकवार, शंकर रायकवार आदि शामिल रहे।

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