झाँसी। वर्तमान सांसद उमा भारती के चुनाव लड़ने को लेकर की जा रही राजनीतिक रस्साकशी के बीच भाजपा में दूसरे प्रत्याशियों ने अपने को बेहतर साबित करने के लिए हर संभव प्रयास तेज कर दिए हैं ।
इसमें एक दावेदार बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने खुद को प्रचार में सबसे आगे रखने के लिए पैसा पानी की तरह बहाना शुरू कर दिया है।
उमा भारती के करीबी माने जाने वाले राजीव सिंह को पार्टी में प्रचार के लिए सबसे आगे माना जाता है । चाहे किसी मंत्री का आगमन हो या पार्टी का कोई कार्यक्रम इन कार्यक्रमों के लिए होर्डिंग बैनर से लेकर अन्य प्रचार में राजीव सिंह सबसे आगे रहते हैं ।
बीते दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झांसी आगमन हुआ था उस समय भी सिंह ने पूरे शहर में अपने हार्डिंग लगाए थे ।।इतना ही नहीं नितिन गडकरी के कार्यक्रम में भी उन्होंने होल्डिंग लगवाए। अब खबर आ रही है कि बीते रोज ही उन्होंने संसदीय क्षेत्र में करीब 3 दर्जन से अधिक होल्डिंग लगवाए हैं, जिन्हें तत्काल ऑर्डर पर लगाया गया है ।
इनकोडिंग्स की कीमत करीब ₹300000 बताई जा रही है ।।इसके अलावा करीब 5 से ₹700000 का प्रचार भी किया जा चुका है। सिंह खेमे से जुड़े लोगों का कहना है कि वह हर कीमत पर सांसद का टिकट चाहते हैं । यह भी बता रहे हैं कि उन्होंने पार्टी को पूरा भरोसा देने का प्रयास करना शुरू कर दिया है कि यदि उन्हें प्रत्याशी बनाया जाता है तो वह सबसे बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
यही कारण है कि राजीव ने बीते रोज ही आनन-फानन में एक प्रचार एजेंसी को ऑर्डर देकर कहा कि पूरे संसदीय क्षेत्र में 1 दिन के अंदर ही 50 से 60 होर्डिंग लग जानी चाहिए।
जानकार बता रहे हैं कि बीते दिनों बीकेडी में हुई राम कथा में ही विधायक रवि शर्मा और विधायक राजीव सिंह के बीच दोस्ती हुई। दोनों दोनों के बीच तनातनी की खबरें पिछले लंबे समय से चल रही थी। इस तनातनी को खत्म करने में एक मध्यस्थ ने अहम भूमिका निभाई है ।हालांकि यह दोस्ती दिखावा मात्र कही जा रही है, क्योंकि दोनों के बीच चल रही तनातनी से टिकट को लेकर पेंच फंसा हुआ था । अब दोनों ने अपने स्तर से टिकट पाने के लिए दावेदारी पेश कर दी है।
हालांकि बबीना क्षेत्र से विधायक चुने जाने के बाद अपने विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी कर रहे विधायक राजीव सिंह परीक्षा को लेकर क्षेत्र में सवाल उठ रहे हैं । क्षेत्र के कई गांव में लोग उनकी निष्क्रियता को लेकर नाराज भी हैं और कहा जा रहा है कि विधायक रहते हुए जब वह क्षेत्र का विकास नहीं कर सके तो सांसद कैसे बन सकेंगे?
राजीव सिंह को उनकी विधानसभा क्षेत्र में उन्हें हर व्यक्ति पूरी तरह से व्यवसायिक बता रहा है । लोगों का कहना है कि विधायक तो सिर्फ अपने काम धंधे पर ही ध्यान देते हैं । उन्हें क्षेत्र में आने की फुर्सत ही नहीं है । ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजीव सिंह सिर्फ पैसों के दम पर टिकट पा सकेंगे?
