स्वास्थ्य के लिए पर्यावरण का स्वस्थ होना बेहद जरूरी: डॉ. संदीप सरावगी, रिपोर्ट -अनिल मौर्य

*अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण एवं एकदिवसीय योग शिविर का हुआ आयोजन

झांसी। योग और ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है, जो हमें सामाजिक एवं आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ बनाती है। आई.टी.आई स्थित सिद्धेश्वर नगर में अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस एवं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिवस के अवसर पर संघर्ष सेवा समिति एवं अनंत दृष्टि योग ध्यान केंद्र के तत्वाधान में प्रातः 7 बजे एकदिवसीय योग शिविर एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।सर्वप्रथम मुख्य अतिथि समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति संस्थापक/अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी का अनंत दृष्टि योग ध्यान केंद्र की संचालिका उर्वशी अवस्थी ने पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। स्वागत पश्चात भगवान गणेश की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात कार्यक्रम में उर्वशी अवस्थी ने शिविर में सम्मिलित हुए अतिथि एवं लोगों को योग व ध्यान कराया। शिविर में लोगों ने योग के दौरान शरीर को स्वस्थ एवं निरोग रखने हेतु महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। योगा पश्चात डॉ. संदीप सरावगी, उर्वशी अवस्थी, वार्ड नं 31 की नवनिर्वाचित भाजपा सभासद रितिका तिवारी सहित लोगों की मौजूदगी में वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर डॉ. संदीप सरावगी ने अंतराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हालांकि आज के औद्योगीकरण के दौर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय बन गया है। इसके चलते दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने का संकल्प लेने के उद्देश्य से ही हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है पर्यावरण को सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है जब पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तभी हमारा शरीर स्वस्थ रहेगा। इसके पश्चात कार्यक्रम की अयोजिका उर्वशी अवस्थी ने जानकारी देते हुए कहा कि योग और ध्यान हमें उस तरफ ले जाता है जहां अनंत स्वास्थ्य और शांति व्याप्त है। मन शरीर आत्मा को ऊर्जावान बनाने का यह हमारी संस्कृति का एक ऐसी स्वरूप है,जिसे ऋषि-मुनियों ने अपनाया और अपने आपको हजारों सालों तक जीवित रखा और समाज का कल्याण किया। योग और ध्यान दोनों आंतरिक रुप से जुड़े हुए हैं। ध्यान के बिना योग असंभव है अर्थात जब हम अपने मन को अपनी सांसों में लगा लेते हैं अर्थात प्राणवायु जो हमारा जीवन चलाती है उसके लेने के तरीकों को सिखाती है तो हम अपने आप को मानव से महामानव बना लेते हैं और यह महामानव बनने की प्रक्रिया युगों-युगों से चली आ रही है। जो मनुष्य योग और ध्यान करेगा वह स्वयं का ही नहीं अपितु इस समाज का और इस प्रकृति का सभी का भला करेगा। इस मौके पर संघर्ष सेवा समिति से चो. करन सिंह, राकेश अहिरवार, संदीप नामदेव, महेंद्र रायकवार, मिंटू बाल्मीकी, अरविंद गाडगे, सीमा तिवारी, लालाराम भास्कर, राष्ट्रकवी मैथिली शरण गुप्त पब्लिक स्कूल के अकादमिक को – ऑर्डिनेटर सकिब खान, रवि राजा, शिवम पांडे, गौरव तिवारी, परशुराम एवं वार्ड के सभी सम्मानित नागरिक गण मौजूद रहे। मंच संचालन श्री प्रमोद कुमार शर्मा एवं आभार प्रबंधक अमित अवस्थी ने व्यक्त किया।

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