नई दिल्ली 4 अक्टूबरः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमे मदरसों मे राष्टगान गाने के उप्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गयी थी। कोर्ट ने कहा कि राष्टगान और राष्टध्वज का सम्मान संवैधानिक कर्तव्य है। इसमे धर्म व जाति के हिसाब से भेदभाव नहीं किया जा सकता।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना संवैधानिक कर्त्तव्य है। जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें भेद नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंड पीठ ने ये आदेश दिया है।
याचिकाकर्ता अलाउल मुस्तफा ने याचिका दाखिल की थी। 6 सितम्बर 2017 के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसों में राष्ट्रगान गाने और योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना संवैधानिक कर्तव्य है। जाति, धर्म और भाषा के आधार पर इसमें भेद नहीं किया जा सकता है।
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