नई दिल्ली 19 मार्चः यह तो साफ हो गया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के चुनाव मे जीत को लेकर आश्वस्त हो गये हैं। राहुल ने कल कार्यकर्ताओ मे जो जोश भरा, उसका असर भी दिखने लगा है। सोशल मीडिया मे कांग्रेसी अब भाजपा को जुमले के लिये घेरने लगे हैं।
राहुल का कल का भाषण कई मायने मे अहम था। मंदिर मुददे पर जो दो तर्क दिये वो सार्थक नजर आये। मंदिर जाने की परिभाषा को बताते हुये राहुल ने साफ किया कि राजनीति मे किस नजरिये के लोग हैं।
इसके अलावा राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर ही अपना भाषण केन्द्रित रख यह जताया कि उनका निशाना सिर्फ वो ही हैं। यानि विपक्षी गठबंधन के चांस कम भी हुये,तो अकेली कांग्रेस शेर की तरह दहाड़ेगी।
कांग्रेस के अधिवेशन का अंतिम दिन है। समापन समारोह मे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस अंदाज मे कांग्रेसियो मे जोश भरा,उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। मोदी सरकार पर जमकर बरसे राहुल ने मोदी सरनेम को ही करप्शन का पर्याय बता दिया।
राहुल ने कहा कि देश मे प्यार से राजनीति किये जाने की जरूरत है। चीन और अमेरिका से इतर भारत का अपना विजन होना चाहिये।
सबसे पहले राहुल ने यह दोहरा दिया कि वो संगठन मे बड़ा बदलाव करने जा रहे हैं। इस बात से सीनियर नेताओ को परेशान नहीं होना चाहिये।
राहुल का इशारा बड़े नेताओ की ओर था, जो पद पर है, लेकिन संगठन मे युवाओ के प्रवेश मे रोड़ा बने हैं।
राहुल ने साफ संदेश दिया कि यह मंच उन कार्यकर्ताओ के लिये बनाया गया है, तो सालो से अपनी सेवाएं कांग्रेस को दे रहे हैं। राहुल ने कहा कि वो उस दीवार को तोड़ना चाहते हैं, जो हमारे बीच है।
राहुल ने एक और इशारा किया। उन्होने कहा कि आज से 70 साल पहले कांग्रेस मे नेहरू, महात्मागांधी, सरदार पटेल जैसे नेता थे। इन सबके अंदर देश चलाने की क्षमता थी।
आज वो उन नेताओ जैसे युवाओ को पार्टी मे तरजीह देना चाहते हैं, ताकि नयी सोच पार्टी से जुड़ सके। राहुल गांधी ने यह भी साफ किया कि वो नरेन्द्र मोदी की तरह युवाओ को केवल भाषण मे प्रयोग नहीं करना चाहते।
राहुल के सपने मे ऐसी कांग्रेस है, जिसमे सोच और देश को आगे ले जाने की क्षमता हो। यानि अब कांग्रेस पूरी तरह से राहुल युग की होगी।