3 वर्षीय आदिवासी बालिका के बलात्कारी को फांसी हो – डॉ० संदीप सरावगी रिपोर्ट:अनिल मौर्य

3 वर्षीय आदिवासी बालिका के बलात्कारी को फांसी हो – डॉ० संदीप सरावगी

झाँसी। हमारे समाज में नारी को शक्तिरूपा माना गया है बात अगर कन्याओं कन्याओं की हो तो उन्हें देवी स्वरूप माना गया है। लेकिन आज के समय में मानव मूल्यों का लगातार पतन होता जा रहा है। झाँसी के सदर बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सिंगर्रा में एक ऐसी घटना घटित हुई जिसने पूरी मानवता को शर्मसार कर रख दिया। एक वहसी दरिंदे ने 3 वर्षीय कन्या का बलात्कार कर मरने के लिए नाली में फेंक दिया। किसी तरह उसके परिवारजनों ने बिटिया की जान बचाई और सूचना पुलिस को दी पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। आदिवासी समाज के प्रबंधक समाजसेवी डॉक्टर संदीप को जब इस घटना की जानकारी हुई तो वे तत्काल पीड़ित परिवार के घर पहुंचे जहां परिवार ने रो-रोकर पूरी व्यथा सुनाई। डॉ० संदीप ने पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करने का आश्वासन भी दिया। आश्चर्य की बात यह है जनपद में इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि पीड़ित परिवार के घर नहीं पहुंचा यह चिंता का विषय है। आज का समाज संवेदनाविहीन होता जा रहा है बुरे समय में लोग एक दूसरे का साथ देने से पीछे हट जाते हैं लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि जिनका यह कर्तव्य है समय पर पीड़ितों को राहत मुहैया करायें वह भी समय पर नहीं पहुंच सके। डॉक्टर संदीप ने आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग उठाई है और यहां आवश्यक भी है क्योंकि जहां हम कन्याओं को देवी स्वरूप मानते हैं उनके साथ इस प्रकार का निंदनीय कृत्य होना महापाप के समान है।

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