बिरसा मुंडा जयंती पर डॉ. संदीप की अपील- ‘उनकी विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचायें’

डॉ. संदीप ने बिरसा मुंडा जयंती पर उनके संघर्ष और बलिदान को किया नमन

झाँसी। मां शबरी सहरिया आदिवासी कल्याण समिति के तत्वावधान में दिनांक 15 नवंबर 2025 को महाविद्यालय स्वर्ण जयंती भवन में भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं राष्ट्रीय आदिवासी गौरव दिवस का विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सहरिया आदिवासी समुदाय के सैकड़ों बहन-भाइयों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संदीप सरावगी एवं बुंदेलखंड कॉलेज के प्रोफेसर की अध्यक्षता में इस ऐतिहासिक आयोजन को गरिमा प्राप्त हुई। समिति के अध्यक्ष गोपाल सहरिया ने मंच से सभी आदिवासी समाज को नमन करते हुए बिरसा मुंडा के आदर्शों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का संघर्ष आदिवासी समाज के लिए नई दिशा और नई जागरूकता प्रदान करता है।

समिति सदस्य सियाराम भाई ने कहा कि भारतीय इतिहास में भगवान बिरसा मुंडा एक ऐसे वीर योद्धा और समाज सुधारक के रूप में दर्ज हैं जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन आदिवासी समाज की उन्नति और अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। 15 नवंबर को देशभर में राष्ट्रीय आदिवासी गौरव दिवस मनाया जाना उनके अदम्य साहस और योगदान को सम्मान देने का प्रतीक है। यह दिवस आदिवासी संस्कृति, विरासत और स्वाभिमान का भी उत्सव है।

मुख्य अतिथि संदीप सरावगी ने अपने संबोधन में कहा “धरती आबा बिरसा मुंडा केवल एक नाम नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, संघर्ष और न्याय की ऐसी प्रतीक शक्ति हैं, जिनसे देश की हर पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों, सम्मान और स्वाभिमान के लिए जिस साहस के साथ लड़ाई लड़ी, वह भारतीय इतिहास का अमिट अध्याय है। बिरसा मुंडा ने कम उम्र में समाज को जो दिशा दी, वह बताती है कि देश की उन्नति केवल विकास से नहीं बल्कि अपनी संस्कृति, परंपरा और मूल्यों की रक्षा से भी होती है। आज उनकी जयंती पर हम सभी का दायित्व है कि हम उनके बताए मार्ग- एकता, न्याय और मानवता को अपनायैं। मैं आदिवासी समाज के साथ-साथ सभी युवाओं से अपील करता हूँ कि वे बिरसा मुंडा के जीवन से सीख लेकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उनकी विरासत हम सबके लिए प्रकाश स्तंभ है।

कार्यक्रम में यह भी गौरवपूर्ण रूप से उल्लेख किया गया कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, सहरिया आदिवासी समाज से पहली महिला हैं, जो पूरे देश के विकास और आदिवासी समाज के सम्मान को नई ऊँचाई प्रदान कर रही हैं। विभिन्न गांवों से आए आदिवासी भाई-बहनों ने मंच से अपने विचार व्यक्त किए और समाज में एकता, जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। सभी उपस्थित जनों ने प्रतिज्ञा ली कि वे भगवान बिरसा मुंडा के विचारों और सिद्धांतों को जीवन में अपनाकर अपने समाज में सकारात्मक बदलाव लाएँगे।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दिनेश सहरिया, एडवोकेट संतोष कुमार गौतम, हरचरण सहरिया, मनोहर सहरिया, मेवा सहरिया, रानी सहरिया, मोहन सहरिया, सियाराम भाई, रामकुमार सहरिया सहित अनेक वरिष्ठ साथी उपस्थित रहे। समिति के अध्यक्ष गोपाल सहरिया ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और बिरसा मुंडा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।

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