नई दिल्ली 29 अप्रैलः लाल किला को गोद दिये जाने को लेकर विपक्ष के निशाने पर आयी सरकार ने अब सफाई दी है। पर्यटन मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर अपना पक्ष रखा है।
मंत्रालय ने कहा कि किला देखरेख के लिये दिया गया है। किला को गोद दिये जाने को लेकर ममता बनर्जी ने इसे इतिहास का काला दिन बताया था।
लाल किले को निजी कंपनी को सौंपे जाने के विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बीच पर्यटन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत लिमिटेड के साथ हुआ समझौता 17वीं शताब्दी के इस स्मारक के अंदर और इसके चारों ओर पर्यटक क्षेत्रों के विकास एवं रख-रखाव के लिए है.
डालमिया भारत समूह एमओयू के तहत स्मारक की देखरेख करेगा और इसके इर्द-गिर्द आधारभूत ढांचा तैयार करेगा. पांच वर्ष के दौरान इसमें 25 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. कांग्रेस, माकपा और टीएमसी जैसी विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर देश की स्वतंत्रता के प्रतीकों को आभासी तौर पर कॉरपोरेट घराने को सौंपने का आरोप लगाया है. वहीं मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि सहमति पत्र (एमओयू) किला और इसके आस पास के पर्यटक क्षेत्र के रख-रखाव और विकास के लिए है.