नई दिल्ली 2 मईः केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने एक बार फिर से नयी बहस को जन्म दे दिया है। इस बार उन्होने दलित मुददे पर अपना बयान दिया है। उमा ने कहा कि हम भगवान राम नहीं है, जो दलित के घर भोजन करेगे, तो पवित्र हो जाएंगे।
मप्र के छतरपुर के नौगांव दादरी मे एक प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम मे शामिल होने के लिये गयी थी। इसके बाद उन्होने अपने टिवटर पर यह बाते लिखी।
उमा ने लिखा कि दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र हो पाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा.
उमा भारती ने लिखा कि मंच के पीछे खड़े पत्रकारों ने मुझसे पूछा कि आप दलितों के साथ भोजन नहीं करना चाहतीं? मैं दंग रह गई और साथ ही यह रहस्य भी खुल गया कि ऐसी बात भी बनाई जा सकती है.
दूसरे ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं दलित वर्गों के लोगों को अपने घर में, अपने साथ डाइनिंग टेबल पर बिठाकर भोजन करती हूं और मेरे परिवार के सदस्य उन्हें भोजन परोसते हैं. इसी से मेरा घर धन्य हो जाता है और हम पवित्र होते हैं.