लखनउ 2 मईः यूपी मे योगी सरकार पिछड़े को मिलने वाले 27 फीसद आरक्षण में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी मे है। इसका खुलासा प्रदेश के मंत्री राजभर अचल ने किया है। इसका मकसद बसपा-सपा गठबंधन की हवा निकालना है। इस प्लान के खुलासे से योगी सरकार सकते मे आ गयी है।
फूलपुर व गोरखपुर चुनाव मे सपा-बसपा ने ओबीसी कार्ड चलते हुये बीजेपी केा मात दी थी। यही कारण है कि पिछले दिनो जब अमित शाह यूपी के दौरे पर आये, तो 27 फीसद आरक्षण मे फेरबदल को लेकर तैयारियां की गयी।
कहा जा रहा है कि योगी सरकार इस प्लान को मौके पर लांच करना चाहती थी, लेकिन राजभर ने पहले ही सार्वजनिक कर दिया।
राजभर ने बताया कि ओबीसी को मिलने वाले 27 फीसदी आरक्षण को तीन भागों में बांटा जाएगा. पहला- पिछड़ा जिसके तहत ओबीसी की चार जातियां आएंगी. दूसरा- अति पिछड़ा, इसके तहत 19 जातियां और तीसरा- सर्वाधिक पिछड़ा इसमें 59 जातियां शामिल रहेंगी.
राजभर ने कहा कि बीजेपी की कोशिश है कि इस कदम से पिछड़ी जातियों, दलितों और मुस्लिमों के बीच गठजोड़ को तोड़ा जा सके. बीजेपी सरकार ने अपनी इस योजना को लागू किया तो ओबीसी कोटे के अंदर यादवों का वर्चस्व. संकट में पड़ जाएगा जो समाजवादी पार्टी का कोर वोट बैंक है. राजनीतिक विश्लेवषकों के मुताबिक राजभर ने अपने बयान से सपा-बसपा को मात देने की बीजेपी की रणनीति का खुलासा कर दिया है.
ओबीसी आरक्षण का सबसे ज्यादा फायदा यादव समुदाय को मिल रहा है. यही वजह है कि गैर यादव ओबीसी जाति के लोगों में नाराजगी है. बीजेपी ने इसी नाराजगी का फायदा 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में उठाया था. सपा-बसपा ने गठबंधन करके 2019 के चुनाव में उतरने का फैसला किया है. इसके तहत दलित और ओबीसी मतों को एक साथ साधने की रणनीति है.