झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अवसाद की स्थितियों से उबारने के लिए विशेष कार्य योजना तय की जाएगी। इसके लिए विवि के शिक्षकों की एक विशेष टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह टीम योजना बनाएगी। आने वाले दिनों में उस पर अमल किया जाएगा। विवि की विविध व्यवस्थाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में भी जरूरी कदम उठाए जा रहे हंै। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने शुक्रवार को बीयूआईसी में आयोजित पे्रस कांॅफ्रंेस में पत्रकारों के विविध सवालों के उत्तर में दी।
प्रो. दुबे ने अपने कार्यकाल की शुरुआत से अब तक विवि की विभिन्न व्यवस्थाओें को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा भी मीडिया के प्रतिनिधियों के समक्ष रखा। एक सवाल के जवाब में कुलपति प्रो. दुबे ने कहा वर्तमान में अभिभावकों की इच्छा का दबाव विद्यार्थियों पर कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। विद्यार्थियों में अवसाद बढ़ता दिख रहा है। पिछले दिनों ओबीसी महिला छात्रावास में एक छात्रा की आत्महत्या का जिक्र करते हुए प्रो. दुबे कहा कि ऐसी घटनाएं चिंता को बढ़ाने वाली होती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों की चिंता को ध्यान में रखते हुए खुद उस छात्रावास में जाकर छात्राओं से बातचीत की। कुल मिलाकर उनकी कोशिश यही है कि विद्यार्थी परिसर में अध्ययनरत रहते हुए अवसाद से न घिरें। विद्यार्थियों की छोटी.छोटी समस्याओें को समझने और उन्हें दूर करने की खातिर उन्होंने शिक्षकों को और प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है। विवि की व्यवस्थाओं को और अधिक गतिशील बनाने के लिए कुछ नए लोगों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। विवि का नया कुलानुशासक प्रो. आरके सैनी को बनाया गया है। इसके अलावा प्रो. देवेश निगम को छात्र कल्याण अधिष्ठाता, डा. मुन्ना तिवारी, रेखा लगरखा को एडीएसडब्ल्यू की जिम्मेदारी दी गई है। छात्र कल्याण अधिष्ठाता और उनकी टीम के सदस्यों से कहा गया है कि वे विद्यार्थियों से निरंतर संपर्क साधकर उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें दूर करने को उचित कार्य योजना बनाएं और उसे अमली जामा पहनाएं।
एक सवाल पर कुलपति ने बताया कि विवि में प्रवेश से लेकर परीक्षा तथा अंक और प्रमाण पत्रों के आॅनलाइन सत्यापन की व्यवस्था को सुचारु बनाने की खातिर अनेक कदम उठाए गए। विवि ने शोध कार्यों को और उम्दा बनाने के लिए आधा दर्जन से अधिक उच्च शिक्षण और शोध संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। डिग्री के आॅन लाइन सत्यापन को समुचित प्रबंध किए गए हैं। एक सवाल पर परीक्षाओं में नकल को समाज का महारोग बताते हुए कुलपति प्रो. दुबे ने बताया कि इससे निपटने को इस सत्र में विवि प्रशासन ने सभी जरूरी बंदोबस्त किए। काफी हद तक नकल पर रोक लगाने में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि सभी सातों जिलों के लिए अलग अलग प्रभारी तय किए गए थे। अनेक केंद्रों पर विवि से ही केंद्राध्यक्ष भेजे गए। शिक्षकों और अधिकारियों ने अपने स्तर पर सूचनाएं जुटाकर देश और प्रदेश की भावी पीढ़ी को नकल के महारोग से मुक्ति दिलाने को प्रभावी प्रयास किए। एक अन्य सवाल पर उन्होंने विवि में आगामी सत्र के लिए छात्रांकन को बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसिलिंग शिविर लगाए जा रहे हैं। अब तक चार जिलों ललितपुर, बांदा, महोबा और झांसी में कैरियर काउंसिलिंग शिविर लगाए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में ऐसे शिविर जालौन समेत अन्य जिलों में भी आयोजित किए जाएंगे। शिविर में विद्यार्थियों को विविध पाठ्यक्रमों की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की सहूलियत को ध्यान में रखकर विविध पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आॅन लाइन फार्म भरने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही साथ उन्हें आॅफ लाइन फार्म भरने की सुविधा भी दी जा रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों को कोई दिक्कत न हो।
पत्रकार वार्ता के दौरान कुलसचिव सीपी तिवारी, कुलानुशासक प्रो. आरके सैनी, डीएसडब्ल्यू प्रो. देवेश निगम, डा. मुन्ना तिवारी, डा. रेखा लगरखा, परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार, डा. नेहा मिश्रा, डा. डीके भट्ट, डा. रामवीर सिंह, उमेश शुक्ल समेत अनेक लोग उपस्थित रहे।