बेगलुरू 19 मई कनार्टक मे बीजेपी सरकार के गिरने के बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर येदुरप्पा मुख्यमंत्री पद पर पूरा कार्यकाल क्यो नहीं कर पाते। वो दूसरी बार ऐसे हालात मे आये हैं, जहां से उन्हे इस्तीफा देना पड़ा है। सन 2012 मे भी वो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
येदुरप्पा इस बार के चुनाव मे भाजपा के हीरो थे। बहुमत से थोड़ी दूर रहने के बाद कयास लग रहे थे कि येदुरप्पा इसकी जुगाड़ कर लेगे, लेकिन विपक्ष ने मौका नहीं दिया।
यही कारण रहा कि येदुरप्पा को इस बार भी हार जैसी स्थिति मे पहुचना पड़ा। अपनी विदायी तय देख येदुरप्पा ने सदन मे जोरदार भाषण दिया।
येदियुरप्पा ने कहा, ‘ जनता ने हमें 113 सीटें नहीं दी. अगर वह ऐसी करती तो राज्य में स्थिति बदल जाती, दूसरी तस्वीर होती. राज्य को ईमानदार नेताओं की जरुरत है. मेरे सामने आज अग्निपरीक्षा है. मैं फिर से जीत के आऊंगा. हम 150 से ज्यादा सीटें जीतेंगे. राज्य के हर क्षेत्र में जाऊंगा और जीतकर आऊंगा. राज्य में जल्द चुनाव होगा.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘कर्नाटक के किसान आंसू बहा रहे हैं. करीब 3,700 किसानों ने खुदकुशी की. जब तक जिंदा रहूंगा किसानों के हित के लिए काम करता रहूंगा. मैं किसानों को बचाना चाहता हूं. हमने मौके पर जाकर किसानों की मदद की.’ उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार से नाराज लोगों ने उनके खिलाफ वोट दिया. गरीब किसानों को बेहतर जीवन मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह जनसेवा के लिए जीवन को समर्पित करना चाहते हैं.