नई दिल्ली 2 जून केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सड़क पर उतरे किसानों ने हड़ताल के कारण सब्जियों को और दूध की सप्लाई को रोक दिया है ।कई जगह दूध को सड़क पर फेंका गया है तो सब्जी भी सड़क पर फेंकी गई है ।हालत यह हो गई है कि सप्लाई ठप होने से बाजार में सब्जियों के दाम आसमान को छूने लगे हैं टमाटर लाल होकर दुने रेट पर जा पहुंचा है
किसानों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में दिखाई दे रहा है ।हड़ताल का आलम यह है कि जरूरी सप्लाई बाधित होने से देश के विभिन्न राज्यों में वस्तुओं के नाम ऊपर जाने लगे हैं एक अनुमान के मुताबिक सब्जियों के दाम में 40% की वृद्धि देखी जा रही है
किसानों की हड़ताल में सरकार के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी हैं। किसानों का आरोप है कि मोदी सरकार जुमलेबाजी कर रही है किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है किसान चाहते हैं कि सब्जियों के नाम भी पेट्रोल के दाम के बराबर हो
मुंबई में भी सब्जी की कीमतें बढ़ गई हैं. यहां टमाटर की कीमत 40 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. जबकि प्याज 20, आलू 30 और भिंडी 80 रुपये प्रति किलो मिल रही है.
किसानों का आरोप है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के बारे ये सरकार बात ही नहीं कर रही है. साल 2006 में जो सिफारिशें स्वामीनाथन आयोग ने दी थी वो 11 सितंबर 2007 को ही कांग्रेस सरकार ने स्वीकार कर ली थी.