नई दिल्ली 14 सितम्बरः काले धन को लेकर मोदी सरकार ने जो प्रयास किये, उन्हे धता बताते हुये चोरों ने अपना ठिकाना बदलना शुरू कर दिया है। चोर स्विस बैंक को किनारे करते हुये अब काला धन एशियन टैक्स हेवन्स मे रख रहे हैं। यहां चौंकाने वाली बात यह है कि साल 2015 तक भारतीयों के 4 लाख करोड़ से ज्यादा रूपये विदेशी बैंकों मे जमा थे। यह खुलासा बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमंेट के द्वारा जारी डेटा से हुआ है।
बीआईएस के डेटा से यह भी पता चला है कि साल 2007 से लेकर 2015 तक विदेशों में जमा भारतीयों के धन में 90 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई। बीआईएस के डेटा में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि अब भारतीय स्विस बैंकों की जगह एशियन टैक्स हेवन्स में अपना धन रखना पसंद कर रहे हैं। हॉन्ग कॉन्ग, सिंगापुर, मकाऊ, मलयेशिया जैसे एशियन टैक्स हेवन्स में भारतीयों ने विदेशों बैंकों में जमा कुल धन का 53 प्रतिशत हिस्सा जमा किया हुआ है। स्विस बैंको में 2015 में केवल 31 फीसदी धन ही जमा था।
इन आकड़ों पर गौर करें तो यह समझना आसान है कि सरकार जिस कालेधन धन का पता लगाने के लिए स्विस बैंको पर फोकस कर रही उसका एक बड़ा हिस्सा एशियन टैक्स हेवन्स में ही छिपा हो सकता है। पिछले कुछ सालों में दुनिया भर के देशों के दवाब की वजह से स्विट्जरलैंड अपने बैंकों में पैसा जमा करने के नियम को लेकर पारदर्शी हुआ है।
पनामा पेपर्स के खुलासे में भी यह बात सामने आई थी कि भारत समेत कई अन्य देशों के लोग अपना कालाधन छिपाने के लिए स्विस बैंकों की जगह एशियन टैक्स हेवन्स के बैंकों को प्राथमिकता दे रहे हैं। अगर सरकार कालेधन को देश में लाने को लेकर सच में गंभीर है तो उसे स्विस बैंकों के साथ-साथ एशियन टैक्स हेवन्स पर भी ध्यान देना होगा