झाँसी- जल्दी ही बिजली का बिल झटका देने वाला है। पॉवर कार्पोरेशन ने बिजली की कीमतों को बढ़ाने का फैसला कर लिया है। अगले पखवारे जनता की आपत्तियों पर सुनवाई के बाद अक्टूबर में बिजली महंगी करने का आदेश जारी होगा, जोकि नवंबर से लागू होगा।
जबरदस्त घाटे की आड़ में पॉवर कार्पोरेशन ने सवा रुपए यूनिट तक कीमत बढ़ाने का मसौदा तैयार किया है। पॉवर कार्पोरेशन के प्रस्ताव से राज्य विद्युत नियामक आयोग भी रजामंद है। उम्मीद है कि बिजली के झटके से बीपीएल कनेक्शन को सशर्त दूर रखा जाएगा। घरेलू बिजली 50 पैसे प्रति यूनिट महंगी होगी, जबकि कामर्शियल और औद्योगिक कनेक्शनधारियों की जेब कुछ ज्यादा हल्की होगी।
अब 6 रुपए यूनिट देना होगा एनर्जी चार्ज
पॉवर कार्पोरेशन के प्रस्तावित नए टैरिफ के अनुसार अब घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट साढ़े पांच रुपए से छह रुपए तक बिजली की कीमत चुकानी होगी। प्रति किलोवॉट फिक्स चार्ज भी 90 रुपए से बढ़ाकर सौ रुपए किया जाएगा। प्रति माह तीन सौ यूनिट तक बिजली खपत पर सवा पांच रुपए के हिसाब से भुगतान करना होगा, जबकि पांच यूनिट तक 6 रुपए की दर से बिल बनेगा। इससे ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर 6.25 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से झटका लगेगा। बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को सशर्त छूट देने का इरादा है। बिजली की खपत 50 यूनिट से कम रहने पर नहीं छेड़ा जाएगा, लेकिन ज्यादा बिजली खर्च हुई तो 25-30 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से अतिरिक्त वसूली होगी।
गांवों पर राहत, शहरी व्यापारियों पर आफत
पॉवर कार्पोरेशन के सूत्रों के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली को फिलहाल महंगी करने का इरादा नहीं है, लेकिन दुकानदारों और व्यापारिक फर्म की मौजूदा दर 3.00 प्रति यूनिट में इजाफा मुमकिन है। इसी प्रकार शहरी इलाकों में कामर्शियल बिजली की न्यूनतम दर 6.70 को बढ़ाकर ७.७५ करने का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा गया है। एक हजार यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले प्रतिष्ठानों को साढ़े आठ रुपए यूनिट के हिसाब से भुगतान करना होगा। कनेक्शन पर न्यूनतम चार्ज भी 700 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए करने की तैयारी है।
20 से सुनवाई, अक्टूबर में जारी होगा आदेश
बिजली की कीमतों को बढ़ाने के लिए सैद्वांतिक तौर पर रजामंद राज्य विद्युत नियामक आयोग फिलहाल 20 सितंबर से उपभोक्ताओं को आपत्तियों का निस्तारण करेगा। पहले चरण में 20 तारीख को दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और केस्को के उपभोक्ताओं की आपत्तियों पर गौर किया जाएगा। इसके बाद 22 तारीख को पश्चिमांचल की सुनवाई नोयडा में होगी। पूर्वांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के उपभोक्ताओं के लिए तारीख बाद में तय होगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद उम्मीद है कि अक्टूबर मध्य में नए टैरिफ का ऐलान कर दिया जाएगा, जोकि पहली नवंबर से लागू होगा।
लाइस लॉस नहीं घटाया, कीमत बढ़ाने पर जोर
फिलहाल पॉवर कार्पोरेशन जबरदस्त घाटे में है, लेकिन वजह खुद विभाग है। मौजूदा दौर में अधिकांश जिलों में तीस फीसदी से ज्यादा लाइन लॉस है। खुद बिजली अभियंता मानते हैं कि किसी भी स्थिति में लाइन लॉस 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। बावजूद 30 फीसदी के आकड़े बिजली चोरी को लाइन लॉस में दिखाने की जुगत की चुगली करते हैं। राजधानी लखनऊ में 33 फीसदी लाइन लॉस की स्थिति में पॉवर कार्पोेरेशन के चेयरमैन और प्रमुख सचिव (ऊर्जा) आलोक कुमार ने सख्त नाराजगी जताते हुए चेकिंग अभियान के लिए कहा है। यूपी में सबसे ज्यादा लाइन लॉस आजमगढ़ और लखनऊ में दर्ज किया गया है।
आलोक पाण्डेय से साभार