नई दिल्ली 26 अगस्तः
रिटायर्ड कर्नल को फर्जी मुकदमे में फंसाने का मामला सरकार के लिये जी का जंजाल बनता जा रहा है। कर्नल को जेल भेजने के मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। एसपी क्राइम एके सिंह के नेतृत्व मे की जा रही है। इस मामले मे एके सिंह सेक्टर-29 स्थित रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र प्रताप सिंह चैहान के घर पहुंचे।
एसपी क्राइम ने मामले की जानकारी ली और जरूरी दस्तावेज एकत्रित किए। इस दौरान कैप्टन विकास गुप्ता भी मौजूद रहे। इस बीच रिटायर्ड कर्नल ने कहा कि उनके साथ जो हुआ है, वह बहुत गलत है। थाना प्रभारी व सीओ के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है। उससे वह संतुष्ट नही हैं। इसमें प्राधिकरण भी दोषी है।
पुलिस के मुताबिक, मामले में एकतरफा कार्रवाई करने को लेकर तत्कालीन थाना प्रभारी और सीओ को शुक्रवार को जिले से ही बाहर कर दिया गया है। उच्चस्तरीय दो सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इस मामले को लेकर शासन स्तर पर अभी और कार्रवाई होने के संकेत मिले हैं।
शासन के आदेश पर थाना प्रभारी मनीष सक्सेना को जिले से बाहर सीबीसीआईडी और सीओ अनित कुमार को पुलिस भर्ती बोर्ड लखनऊ में तैनात कर दिया गया है। यह निर्णय शुक्रवार को मेरठ रेंज के आईजी राम कुमार और कमिश्नर अनीता मेश्राम की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है।
इससे पहले 14 अगस्त को रिटायर्ड कर्नल को गिरफ्तार करने के मामले में दो दिन बाद ही इनका नोएडा से ग्रेटर नोएडा ट्रांसफर किया गया था और फिर मामला तूल पकड़ा तो पुलिस लाइन में भेज दिया गया था।