नैना
नई दिल्ली 25 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में अदा के नेताओं को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा चर्चित के आधार पर जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं हो सकती। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ चार्जशीट के आधार पर चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता। इससे साफ है कि दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर लटक रही तलवार अब हट गई है।
कोर्ट ने कहा कि हर नेता को चुनाव लड़ने की समय अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी चुनाव आयोग को देना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आम जनता को जनप्रतिनिधियों के बारे में जानना जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में संसद कानून बनाये।
चुनाव लड़ने वालों को तीन बार प्रिंटिंग दिया और एक बार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपने बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा सभी राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की जानकारी वेबसाइट पर डालनी होगी।
आपको बता दें कि इस याचिका की सुनवाई 5 देशों की पीट कर रही थी इसमें मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस आरएन नरीमन, जस्टिस एम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिलहैं। आपको बता दें कि कोर्ट में अगस्त में इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपनी दलील में कहा था कि ज्यादातर मामलों में आरोपी नेता बरी हो जाते हैं, इसलिए सदस्यता रद्द करने जैसा कोई आदेश न दिया जाए.