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मेरी आंखें भाई को दान कर देना, यह लिखकर फांसी पर झूलने वाले युवक की हसरत क्यों अधूरी रह गई

कुमार प्रशांत
कानपुर 29 सितंबर नौबस्ता में 1 विकलांग युवक ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी दोनों आंखें बड़े भाई को दान कर दी जाए ताकि वह दुनिया देख सके, लेकिन मरने के बाद भी उसकी हसरत पूरी नहीं हो सकी क्योंकि उसके मरने की जानकारी पुलिस को काफी देर से मिली इससे आंखें नहीं निकाले जा सकी।




पुलिस के अनुसार नौबस्ता के राजीव विहार निवासी विकलांग जितेंद्र पासवान ने फांसी लगाकर जान दी परिजनों ने बताया कि वह विकलांगता के चलते परेशान रहा करता था।
पुलिस ने बताया कि नन्ही लाल के चार बेटे और एक बेटी है इसमें जितेंद्र तीसरे नंबर का था वह बाएं पैर से विकलांग था मृतक के भाई वीरेंद्र बताया कि ऑटो पार्ट्स की दुकान में नौकरी करने वाला जितेन विकलांगता के चलते कुछ काम करने में काफी परेशान हुआ करता था।
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है पुलिस ने बताया कि खाना खाने के बाद मृतक ऊपर कमरे में सोने चला गया शुक्रवार को जब मां ने आवाज लगाई तो कोई आवाज न पाकर मैं ऊपर कमरे में गई यहां रस्सी के सहारे उसका शव लटका था।
पुलिस ने बताया कि मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है इसमें मृतक ने अपने बड़े भाई बबलू को आंखें दान देने की बात कही है इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह का कहना है कि मौत की जानकारी काफी देर से मिलने के कारण उसकी आंखें भी ध्यान नहीं कराई जा सकती।

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