उरई। मोहल्ला इंदिरा नगर में प्रताप सिंह के पैतृक मकान पर उसे एक फर्जी मुकदमें में जेल भिजवाकर माफियाओं ने उसका सामान लूटकर कब्जा कर लिया। प्रताप सिंह इस मामले में गत तीन वर्षों से अधिक समय से चक्कर काट रहा है। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हो पा रही है। सोमवार को प्रताप सिंह ने जब इसे लेकर पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र दिया तो उन्होने कोतवाली पुलिस का गंभीरता पूर्वक जांच करने के आदेश दिये।
जिले में किस तरह जिसकी लाठी उसकी भैस का निजाम चल रहा है यह मामला इसकी एक ज्वलंत मिसाल है। प्रताप सिंह के मुताबिक इंदिरा नगर में उसका पैतृक मकान है। जिसमें एक दिन पाठकपुरा निवासी माफिया आ गया और अपना हक जताकर उनसे मकान खाली करने को कहने लगा। उसके द्वारा बात नकारी जाने पर वह धमकी देता हुआ चला गया और उसने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर कर दिया। 22 जुलाई 2013 को अदालत ने मकान पर प्रताप सिंह के कब्जे की पुष्टि की और उसे मकान में बने रहने का आदेश पारित कर दिया। दूसरे पक्ष द्वारा इसकी अपील दायर की गई। तो अपील भी निरस्त हो गई।
इसी बीच 27 जून 2015 को षड़यंत्र के तहत प्रताप सिंह को एक मुकदमें में जेल भिजवा दिया गया और इस दौरान उसके सामान को लूटकर दूसरे पक्ष ने अन्य लोगों के साथ उसके मकान पर कब्जा कर लिया। प्रताप सिंह सारे कागजात दिखाकर मकान पर कब्जा वापसी के लिए चक्कर लगा रहा है। लेकिन उसकी कोई सुनवाई नही हो रही है। अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक के आदेश के बाद भी उसे कोई तसल्ली मिल पाती है या नही।