नई दिल्ली 20 सितम्बरः कक्षा 9 की छात्रा की मौत के मामले मे एडीजी उप्र ने ऐसा कदम उठाया कि जिसके बाद पुलिस प्रशासन की नींद उड़ गयी। उन्हांेने मोदीनगर थाने के सभी 132 कर्मियो को लाइन हाजिर कर दिया।
यूपी के गाजियाबाद मे कक्षा 9 मे पढ़ने वाली छात्रा पूनम का कुछ लोगो ने अपहरण कर लिया था। बाद मे उसकी हत्या कर दी गयी थी। इस मामले मे पुलिस की भारी लापरवाही सामने आयी।
मोदीनगर में 14 दिन पहले एक 9वीं की छात्रा को अगवा कर हत्या के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे मोदीनगर थाने समेत 132 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इनमें 1 एसएसआई, 4 एसआई, 13 एचएसपी, 5 हेड कांस्टेबल, 13 महिला कांस्टेबल, और 96 कांस्टेबल शामिल हैं। इन पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर करने का एडीजी प्रशांत कुमार के आदेश पर एसएसपी गाजियाबाद ने दिया।
इसी महीने की 4 तारीख को 9वीं में पढ़ने वाली छात्रा पूनम को अगवा कर लिया गया था। अगले दिन परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने पूनम की तलाश करनी शुरू की और दो आरोपियों को गिरफ्तार किया लेकिन अगले ही पुलिस ने उन आरोपियों को छोड़ दिया। पूनम के परिजनों ने जब एसएसपी से इसकी शिकायत की तो पुलिस ने 14 तारीख को इन आरोपियों समेत 5 लोगों को फिर गिरफ्तार किया। जिसके बाद पता चला कि इन्होंने पूनम की हत्या कर उसका शव अतरौली के जंगल मे फेंक दिया था।
15 सितंबर को आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने पूनम का शव बरामद किया जिससे बाद पूनम के परिजनों और स्थानीय लोगों को पुलिस पर आक्रोश फूर पड़ा। लोगों का कहनाथा कि पुलिस ने उन आरोपियों को हिरासत में लेकर क्यों छोड़ दिया। स्थानीय लोग पुलिस की लापरवाही के खिलाफ पिछले दो दिनों से सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। साथ ही आरोपी पुलिस वालों पर भी कार्रवाई की भी मांग कर रहे थे।