लखनउ 24 नवबंरः शिव सेना प्रमुख उद्वव ठाकरे आज अयोध्या पहुंचे। उनके तेवर तीखे रहे। सरकार पर हमला किया। मंदिर निर्माण की तारीख पूछी और देवी देवाताओ के दर्शन किये। सरयू तट पर आरती की। जाहिर है कि उद्वव अयोध्या मे थे, तो सभी की धड़कने तेज रही। शिव सैनिको की भीड़ और माहौल मे गर्माहट अयोध्या को पूरे समय गर्म किये रही। देश की निगाहे आज अयोध्या पर रहीं, लेकिन राजनैतिक जानकारो की निगाह उद्वव के यूपी दौरे को लेकर सवालो के जवाब तलाशती रही कि आखिर उद्वव यूपी मे प्रवेश किया, तो क्या रणनीति हो सकती है?
बरहाल, आज अयोध्या मे पूरी तरह से उद्वव ठाकरे का दिन रहा। रवि वार को धर्मसभा है। इससे पहले अयोध्या मे माहौल को गर्म करते हुये उद्वव यूपी मे नये समीकरण बनाने की दिशा मे उठाये गये अपने कदम की आहट छोड़ गये।
दरअसल, राजनैतिक जानकार मान रहे है कि उद्वव पिछले काफी समय से यूपी मे अपने आगमन की तैयारी कर रहे थे। आम चुनाव की तैयारियो में जुटी शिवसेना को किस मौके पर राजनैतिक दल खासकर भाजपा के लिये चुनौती बना बनाये रखा जाए, यह उद्वव के सामने सबसे बड़ा सवाल था।
जानकार मान रहे है कि उद्वव ने राम मंदिर पर अपने तेवर से एक तीर से कई निशाने साधे। वो जहां भाजपा के लिये मंदिर मुददे पर अपनी बात रखने को एक अहम पार्टनर जताने मे सफल रहे, तो यूपी मे बनने वाले राजनैतिक समीकरण मे अपनी गुंजाइश बना गये। दरअसल, जिस अंदाज मे उद्वव ने सरकार को चेताया कि उन्हे मंदिर निर्माण की तारीख बतायी जाए। उनके यह तेवर हिन्दुओ को बेहद पसंद आये। उद्वव हिन्दुओ के इन्हीं पसंदीदा माहौल को पार्टी के मजबूत जनाधार मे बदलना चाहते हैं। ताकि आम चुनाव के मौके पर वो बीजेपी के सामने सीना तानकर खड़े हो सके।
यही कारण है कि उद्वव को आम चुनाव मे राजनीतिक सफलता के लिये राम का सहारा लेना पड़ा। आज अयोध्या मे माहौल नारेबाजी से तना तनी का जरूर रहा, लेकिन राजनैतिक पुट शामिल होने से निगाह मे उद्वव की रणनीति रही।