उमा भारती की जगह कौन होगा झांसी से भाजपा का अगला चेहरा? रिपोर्ट-देवेंद्र, रोहित

झांसी 4 दिसंबर। स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आखिरकार आज भोपाल में अपने चुनाव लड़ने का ऐलान कर ही दिया । कुछ समय से उनके चुनाव ना लड़ने को लेकर खबरों के बीच आज जब उन्होंने अपनी अधिकारिक घोषणा की तो सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया कि 2019 के चुनाव में झांसी से भाजपा की ओर से सांसद प्रत्याशी के रूप में कौन सा चेहरा होगा?

गौरतलब है कि सांसद उमा भारती को लेकर पिछले कुछ समय से जिस तरह से स्थानीय स्तर पर नाराजगी का ग्राफ बढ़ता जा रहा था उसने इस बात के संकेत दिन शुरू कर दिए थे कि उमा भारती जल्द ही अपने राजनैतिक के घर को लेकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं।

उमा भारती पिछले करीब 6 माह से संसदीय क्षेत्र की उपेक्षा कर रही थी। आरोप लग रहा था कि वो क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर नहीं है उनके लगातार से गायब रहने को लेकर राजनीतिक पटल पर चल रही चर्चाओं में कई सवाल खड़े किए थे।

उमा भारती एक बार संसदीय क्षेत्र से दोबारा ना चुनाव लड़ने की कहावत को उनके चुनाव ना लड़ने से जोड़कर देखा जा रहा है। जानकार मान रहे हैं कि उमा भारती पिछले अपने राजनीतिक कैरियर में जिस प्रकार से एक बार चुनाव लड़ने के बाद दोबारा क्षेत्र में चुनाव ना लड़ने का क्रम बनाती है, वह शायद अब भी जारी है।

बरहाल आज उमा भारती ने लोकसभा चुनाव ना लड़ने का जो फैसला किया उसमें कई निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल उमा भारती के बाद भाजपा की ओर से स्थानीय स्तर पर प्रत्याशी के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। जो लोग स्थानीय स्तर पर उमा भारती के विकल्प रूप में कुछ ज्यादा ही काम रहे थे, वो अब फ्रंट पर आने को बेताब है।

वैसे उमा भारती के कार्यकाल में ही बबीना विधायक राजीव पारीछा को उनके उत्तराधिकारी के रूप में प्रचारित भी किया जा रहा था। शायद यही कारण था कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र से ज्यादा झांसी के विकास कार्यों से लेकर अन्य समस्याओं में रुचि दिखाते नजर आ रहे थे। इधर पूर्व मंत्री रविंद्र शुक्ला दोबारा वापसी करते हुए अपने कद को बढ़ाने में लगे हुए हैं। उनकी लोकप्रियता एक कद्दावर नेता के रूप में स्थापित है।

यहां सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या रविंद्र शुक्ला उमा भारती के बाद झांसी में भाजपा की ओर से प्रत्याशी के रूप में चेहरा साबित हो सकते हैं ? इसके अलावा नगर विधायक रवि शर्मा को भी संसदीय क्षेत्र में प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है ।

पिछली बार भी लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। माना जा रहा है कि रविंद्र शुक्ला और रवि शर्मा के चेहरे भाजपा के लिए लिस्ट में शामिल होने की संभावनाओं वाले खाते में बैठ सकते हैं ।

इधर इस बात के भी संकेत है कि इस बार पार्टी संभवत किसी बाहरी व्यक्ति को स्थानीय स्तर पर चुनाव लाने के लिए भेज सकती है। क्योकि सर्वे में जिस प्रकार से संसदीय क्षेत्र में भाजपा की छवि को कमजोर बताया गया है , उसके बाद से पार्टी किसी चेहरे को झांसी भेज सकती है।

फाइल फोटो

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