झाँसी। स्मार्ट सिटी में शुमार हो चुके झांसी की खूबसूरती में एक बड़ा धब्बा अतिक्रमण के रूप में अब भी लगा हुआ है । यह दाग मिटाने के लिए जनप्रतिनिधियों की पहल में सबसे आगे महापौर रामतीर्थ सिंघल ने आज व्यापारियों के साथ चर्चा की। दोनों पक्षों की ओर से सवाल-जवाब हुए। कमियां सामने आई और आरोप-प्रत्यारोप भी चले।
नगर निगम में महापौर के कार्यालय में आज व्यापारियों के साथ रामतीर्थ सिंघल ने नगर में अतिक्रमण जैसे नासूर को मिटाने के लिए अपनों के साथ पहल करने की शुरुआत की । हालांकि अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन एक नहीं सैकड़ों बाद पहल कर चुका है , लेकिन समस्या फिर से लौटकर जस की तस हो जाती है ।
इस समस्या के मूल में जाने के लिए महापौर ने अपने व्यापारियों के साथ सुझाव और उनकी भावना समझने की कोशिश की । कार्यालय में आए व्यापारियों ने महापौर के अतिक्रमण मुक्त शहर की कल्पना हो सराहा, तो कई सारे सवाल भी दागे।
प्रशासन की अनदेखी, लोगों की निष्क्रियता और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ना होने जैसे मुद्दे सामने आए, तो वही संगठनों की पर्दे के पीछे से की जाने वाली गतिविधियां भी सवालों के घेरे में रहीं।
महापौर यह बात अच्छी तरह जानते थे कि बैठक में ऐसे सवाल उन्हें झेलने होंगे, इसके लिए तैयार थे और सरलता के साथ मुद्दे को निपटाने के लिए उन्होंने व्यापारियों के पाले में गेंद डालने की वजह दोनों पक्षों के साथ समन्वय को वरीयता दी और कहा कि अतिक्रमण हटेगा , तो लाभ अपने ही शहर को होगा । लोग सुगमता से आएंगे जाएंगे और परेशानियों से निजात मिलेगी।
महापौर की विनम्रता में छिपे अतिक्रमण को हटाने की मन्सा भांपते हुए व्यापारियों ने उन्हें कुछ लम्हों के बाद सर्वाधिकार सौंप दिए और कहा कि आप जैसा चाहे हम आपके साथ हैं । जैसी पहल होगी उस पहल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे ।
यानी इस बैठक के बाद यह तय है कि नगर से अतिक्रमण को हटाने की एक ठोस शुरुआत होगी?