नई दिल्ली 9 अक्टूबरः अब इसे दुर्भाग्य ही कहेगे कि जो सैनिक देश की रक्षा के लिये अपनी जान कुर्बान कर देते हैं, उन्हे मरने के बाद ताबूत भी नसीब नहीं हो पाता। सैनिकांे के शव प्लास्टिक मे रखे जाने का मामला सामने आने के बाद सेना की खूब खिंचाई हो रही है। हालाकि सेना ने अपनी गलती को माना और कहा कि यह भूल से हो गया।
गौरतलब है कि त्वांग मे हेलीकॉप्टर दुर्घटना मे सात सैनिको की मृत्यु हो गयी थी। दो दिन बाद इनके शव प्लास्टिक की थैली मे लपेटे नजर आने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हुयी।
उत्तरी सैन्य कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एच एस पनाग ने शवों की तस्वीर के साथ अपने ट्वीट में कहा कि सात युवा अपनी मातृभूमि भारत की सेवा करने के लिए दिन के उजाले में निकले और वे अपने घर इस तरह आए.’ इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सेना ने बयान में कहा कि पार्थिव शरीरों को बॉडी बैग्स, लकड़ी के बक्से और ताबूत में लाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा