झांसी: नगर निगम चुनाव के लिये झांसी मेयर की सीट सामान्य होने के बाद सभी दावेदार खुश है। माना जा रहा है कि मुकाबला रोचक होगा। दलीय स्थिति के साथ निर्दलीयो की टक्कर जीत हार मे बड़ी भूमिका निभायेगी।
निकाय चुनाव को लेकर पिछले कुछ दिनो से चर्चाओ का बाजार गर्म था। सभी की निगाहे इस बात पर थी कि झांसी महापौर की सीट किस वर्ग मे जाती है। पिछले चुनाव मे सीट आरक्षण मे फंस गयी थी।लिहाजा दावेदारी करने वाले कई चेहरे घर बैठने को मजबूर हो गये थे।
सामान्य होने के बाद अब निर्दलीय तौर पर भी दादेदारो की संख्या अधिक होने का अनुमान है। कहा जा रहा है कि निर्दलीय प्रत्याशियो मे कुछ चेहरे ऐसे भी सामने आएंगे, जो दलो से टिकट नहीं पा सकेंगे। इनमे विद्रोह करने वाले कुछ भाजपा के दावेदार भी शामिल हो सकते हैं।
तर्क यह दिया जा रहा है कि प्रदीप सरावगी को पार्टी मे अधिकांश लोग विरोध की निगाह से देख रहे हैं। प्रदीप के लिये मुश्किल इस बात की भी है कि वो जनाधार के मामले मे शून्य हैं।
ऐसे मे यदि निर्दलीय रूप से जनाधार वाला नेता सामने आता है, तो निश्चित ही भाजपा की मुश्किले बढ़ जाएंगी। चर्चाओ मे यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा प्रदीप को टिकट देकर सांसद उमा भारती के प्रति लोगो के गुस्से को समझ नहीं पाएगी। इसका असर यह हो सकता है कि प्रदीप जनता की नाराजगी का शिकार हो जाएं। जनता मे चर्चा है कि प्रदीप सरावगी को टिकट देना झांसी मे सांसद की तरह अपना वोट बर्बाद करना है?
इधर, राजनैतिक दलो मे दावेदार अब सीट निर्धारित होने के बाद सामने आना शुरू हो गये हैं। सपा से हरभजन साहू ने सोशल मीडिया का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। बसपा से नरेन्द्र झां सामने हैं। कांग्रेस के लिये सबसे अच्छे चेहरे के रूप मे अरविंद वशिष्ठ को दावेदार माना जा रहा है। यानि सामान्य मे सभी समाहित होने की इच्छा रख रहे हैं।
चुनाव मुकाबले को रोचक बनाने के लिये निर्दलीय तौर पर राम कुमार अंक शास्त्री भी अपनी दावेदारी कर रहे हैं। उन्होने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था और 20 हजार से ज्यादा वोट हासिल किये थे। उनकी लोकप्रियता सभी दावेदारो के लिये चुनौती साबित होगी। इसके अलावा समाज सेवा के सहारे अपने को स्थापित करने की तैयारी मे जुटे मनमोहन गेड़ा और संजय भी मैदान मे उतरने को बेताव हैं। ऐसे मे सब अपनी-अपनी छवि और संख्या बल का दावा करते हुये चुनाव को रोचक मोड पर ले जाने को तैयार हैं।