नई दिल्ली 15 अक्टूबरः पूर्व राष्टपति अब्दुल एपीजे कलाम जैसा व्यक्तित्व सदियों मे पैदा होता है। हर किसी के लिये अपने कार्यों से प्रेरणा के श्रोत बने कलामजी के बारे मे कहा जाता है कि अग्नि के प्रेक्षपण के समय वो इस्तीफा अपनी जेब मे रखे हुये थे।
उन्होने कहा था कि यदि सफल नहीं हुआ, तो इस्तीफा दे दूंगा। कलाम ने पूरे देश मे घूमकर करीब एक करोड़ से ज्यादा युवाआंे से मुलाकात की।
डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो ‘अग्नि’ मिसाइल के टेस्ट के समय कलाम काफी नर्वस थे. उन दिनों वो अपना इस्तीफा अपने साथ लिए घूमते थे. उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वो इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे.
डीआरडीओ में काम का काफी दवाब रहता था. एक बार साथ में काम करने वाला एक वैज्ञानिक उनके पास आया और बोला कि उसे समय से पहले घर जाना है. दरअसल वैज्ञानिक को अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखानी थी. डॉ कलाम ने उसे अनुमति दे दी. लेकिन काम के चक्कर में वह भूल गया कि उसे जल्दी घर जाना है.
बाद में उसे बड़ा बुरा लगा कि वो अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने नहीं ले जा सका. जब वह घर गया तो पता चला कि कलाम के कहने पर मैनेजर उसके बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले जा चुका था.