लखनउ 7 नवबंरः निकाय चुनाव मे कांटे की टक्कर की संभावनाओ के जन्म लेने के बाद भाजपा खेमे ने अपने सभी दिग्गज मंत्रियो को चुनावी मैदान मे उतारने का फेसला कर लिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनेक मंत्रियो को जिम्मेदारियां सौंपी गयी है। लखनउ, कानपुर, मुरादाबाद, हाथरस, अलीगढ़, मेरठ, झांसी सहित अन्य महानगरो मे भाजपा प्रत्याशियो के पक्ष मे प्रचार के लिये उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, सिद्वार्थ नाथ सिंह सहित अन्य मंत्रियो से कहा गया कि वो अपने प्रभारी इलाको मे जीत के लिये फील्ड तैयार करे।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ का भी जिलावार प्रोग्राम तय किया जा रहा है।
निकाय चुनाव को हल्के में नहीं ले रही भाजपा इस बात को अच्छी तरह जानती है कि चुनाव मे हार उसके लिये कितनी घातक होगी। विपक्ष जहां और हमलावर होगा, वहीं 2019 के मिशन मे भी मुश्किले पैदा हो सकती हैं।
भाजपा ने सभी मंत्रियो को पूरे चुनाव मे भाजपा के पक्ष मे माहौल करने के निर्देश दिये हैं। जानकार बता रहे है कि झांसी को वैसे संवेदनशील नहीं माना जा रहा था, लेकिन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और पूर्व विधायक के मैदान मे आने के बाद यहां मंत्रियो का जमावड़ा शुरू हो जाएगा।
भाजपा ने रामतीर्थ सिंघल को प्रत्याशी बनाया है। वैश्य और व्यापारी समीकरण साधन के हिसाब से तय किये गये सिंघल की राह मे पहले दिन ही विरोध के कांटे बिछाये गये। हालंाकि उन्हांेने इसे गंभीरता से नहि लिया और कहा कि यह काम संगठन के लोग देखेगे। यानि वो केवल अपने प्रचार पर ध्यान देंगे।
जीएसटी, नोटबंदी जैसे मुददांे को उछाल रहा विपक्ष कहीं रफतार न पकड़ ले, इसके लिये मंत्रियो की फौज मैदान मे उतारी जाएगी। मंत्री लोगो को बताएंगे कि दोनो मुददो पर विपक्ष कैसी राजनीति कर रहा है।
यानि निकाय चुनाव मे भी विकास के मुददे गुम हो सकते हैं।