एच.पी. त्रिपाठी
अहदाबाद 30 नवबंरः गुजरात चुनाव का रण 9 दिसम्बर को होगा। पहले चरण का चुनाव की शुरूआत इस दिन से होगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के तीखे हमले के बाद बीजेपी जैसे बैकफुट पर आती नजर आ रही है। जानकार मान रहे है कि बीजेपी अब चुनाव से पहले पटेल समाज से मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित कर सकती है। यह पाटीदार आंदोलन से उपजे हालात की काट करने की दिशा मे महत्वपूर्ण कदम होगा।
बीजेपी के सामने गुजरात चुनाव नाक की लड़ाई बनता जारहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियां और इमोशनल कार्ड खेलने के अंदाज से लग रहा है कि बीजेपी किसी भी कीमत पर बाजी हाथ से नहीं जाने देना चाहती।
अब हार्दिक पटेल जैसे नेताओ को कमजोर करने के लिये पार्टी पटेल समुदाय के व्यक्ति को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर मैदान मे उताने की तैयारी मे है।
यह दांव इसलिये चला जा सकता है, ताकि पटेल समाज पूरी तरह भाजपा के पाले मे रहे। इस समाज के लिये बीजेपी के पास नितिन पटेल पहली पसंद हैं।उन्हे पार्टी सबसे ज्यादा माइलेज दे रही है।
बीजेपी की रणनीति मे मुख्यमंत्री की घोषणा नहीं है, लेकिन कुछ राज्यां मे हालात के हिसाब से पार्टी ऐसा करने को मजबूर हुयी है। इसका ताजा उदाहरण हिमाचल प्रदेश है। यहां पार्टी ने प्रेमकुमार धूमल का नाम घोषित कर दिया। इससे राजपूत वोटर को साधने मे सफलता मिलने की उम्मीद है।
बरहाल, ताजा हालात मे पार्टी के दिग्गज गुजरात को अपने पाले मे किये रहने के लिये नये सिरे से रणनीति बनाने को मजबूर हो गये हैं।