झांसीः चुनाव की सरगर्मी समाप्त हो चुकी है। प्रत्याशियो का मंथन दौर जारी है। ऐसे मे सबकी निगाहे इस बात पर है कि कौन सा प्रत्याशी क्या करने की तैयारी मे है।
आम आदमी पार्टी से मेयर प्रत्याशी नरेन्द्र झां अपनी हार को लेकर गहराई से मंथन कर रहे हैं। उन्हे इस बात को समझने मे काफी परेशानी हो रही कि आखिर उनके समाज का वोट कहां गया?
इसके अलावा जिन लोगो ने उन्हंे समर्थन का भरोसा ही नहीं दिया, बल्कि साथ रहे। ऐसे लोगो का वोट कहां गया? बहुत सारे सवलो का जवाब तलाश रहे नरेन्द्र अब इनका जवाब कोर्ट के जरिये तलाशना चाहते हैं।
विशाल जनमत की उम्मीद। समर्थको का साथ। जोश और जातिगत समीकरण। यानि चुनाव मे जो किया जा सकता, वो नरेन्द्र झां के खेमे ने किया। बावजूद इसके करारी हार! यह बात आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी नरेन्द्र झां के गले नहीं उतर रही। मार्केटसंवाद से बातचीत मे नरेन्द्र ने कहा कि वो अभी हालात की समीक्षा कर रहे है और जल्द ही परिणाम को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
निकाय चुनाव मे झांसी सीट पर भाजपा के रामतीर्थ सिंघल, कांग्रेस के प्रदीप जैन आदित्य, बसपा के बृजेन्द्र व्यास, आम आदमी पार्टी से नरेन्द्र सिंघल, सपा से राहुल सक्सेना और कई निर्दलीय प्रत्याशी मैदान मे थे।
झांसी की राजनीति मे नरेन्द्र झां का यह दूसरा पहर था। बीकेडी छात्रसंघ चुनाव मे जीत का परचम लहराने के बाद संवैधानिक पद पर आसीन होने के लिये राजनैतिक दल के साथ जुड़कर जनता की सेवा का दावा करने वाले नरेन्द्र झां निकाय चुनाव मे मेयर पद के लिये आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े।
नरेन्द्र का व्यक्तित्व कैसा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका चुनाव युवा टीम और विपक्ष के नाराज लोगो की संख्या बल से जुड़ता गया।
नरेन्द्र ने कहा कि वो मिले मत से संतुष्ट नहीं है। उनका अपना आंकलन इससे कहीं ज्यादा था। असल मे वो जीत के सही हकदार थे। नरेन्द्र कहते है कि उन्हे चुनाव मे पूरी तरह से गड़बड़ी की आशंका नजर आ रही है।
समीक्षा के बाद हम लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। नरेन्द्र कहते है कि जरूरी हुआ तो इसे क्रमिनल केस के रूप मे फाइल किया जाएगा।
नरेन्द्र के आरोपो मे यह भी शामिल है कि वोट देने वाले शपथपत्र के साथ अपनी बात की पुष्टि करने को तैयार हैं। हमारा अधिकांश वोट कहां गया? यह सवाल नरेन्द्र को परेशान किये है।
युवा जोश और अपने व्यवहार की बदौलत बुन्देली राजनीति मे चमकता चेहरा बनने को बेताब नरेन्द्र कहते है कि चुनावी हार से राजनैतिक सेवा खत्म नहीं होती। वो कल भी लोगो की सेवा मे थे आज भी है और कल भी रहेगे। हमारा मकसद झांसी को बेहतर और विकसित बनाने का है।
अभी समर्थको और शुभचिंतको के बीच घिरे नरेन्द्र चुनावी समीक्षा कर रहे हैं। आंकलन के बाद अगले कदम की तैयारी भी चल रही है। यानि आने वाले दिनो मे नरेन्द्र धमाका करके ही रहेगे?

 
                         
                         
                         
			 
			