झांसी-पढ़ाई लिखाई के मामले मे अव्वल हैं भाजपा के राम

झांसी-धनबल मे  भले की यूपी के अन्य मेयर की अपेक्षा झांसी के मेयर रामतीर्थ सिंघल कमजोर हो, लेकिन पढ़ाई के मामले मे  अव्वल हैं। भाजपा के 14 मेयर मे  रामतीर्थ का नाम परास्नातक श्रेणी के प्रत्याशियो  में आता है। यह झांसी के विकास के लिये अच्छे संकेत माने जा रहे हैं।

शहर की सरकार के चुनाव में धनबल की जीत हुई। सूबे के 16 नगर निगमों में 11 में करोड़पति हैसियत वाले चेहरे मेयर चुने गए हैं। आगरा की जनता ने अरबपति मेयर चुना है, जबकि अन्य 10 शहरों में मेयरों की हैसियत करोड़पति है। फिरोजाबाद में सबसे ‘गरीब’ मेयर के सिर कामयाबी का ताज सजा है। अपराध के नजरिए से इस मर्तबा शहर की सरकार ज्यादा साफ-सुथरी है। सिर्फ चार शहरों के मेयरों पर आपराधिक मामले हैं। इस मोर्चे पर भी आगरा के मेयर चार मुकदमों के साथ सबसे आगे हैं। पढ़ाई-लिखाई के मामले में सिर्फ पांच मेयर ऐसे हैं, जोकि स्नातक नहीं हैं। गोरखपुर के मेयर सबसे कम पढ़े यानी हाईस्कूल हैं।

नवीन जैन अरबपति, नूतन के पास सिर्फ 11 लाख

ताजनगरी आगरा में नव-निर्वाचित मेयर नवीन जैन ने नामांकन के वक्त दाखिल अपने शपथपत्र में खुद को 409 करोड़ यानी चार अरब नौ करोड़ अस्सी लाख रुपए का मालिक बताया है। जैन के ऊपर किसी किस्म की बकायेदारी नहीं है। हैसियत के मामले में फिरोजाबाद की नूतन राठौड़ सबसे नीचे के पायदान पर हैं। नूतन के पास सिर्फ साढ़े 11,9000 (ग्यारह लाख नब्बे हजार) रुपए हैं। नूतन के अलावा मथुरा के मेयर मुकेश आर्यबंधु की हैसियत 16 लाख रुपए है, जबकि अलीगढ़, गाजियाबाद, और वाराणसी की मेयर भी लखपति हैं। वाराणसी की नई मेयर मृदुला जायसवाल ने अपनी हैसियत 99 लाख बताई है, यानी करोड़पति बनने के बेहद करीब।

आगरा-इलाहाबाद के मेयर पर गंभीर आपराधिक मामले

बड़े शहरों की नई सरकार का चेहरा अपेक्षाकृत साफ-सुथरा दिखा। कुल 16 में सिर्फ चार शहरों में ऐसे मेयर चुने गए हैं, जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस श्रेणी में भी आगरा के नए मेयर नवीन जैन सबसे आगे हैं। नवीन पर चार गंभीर मामले दर्ज हैं, जबकि इलाहाबाद की महिला मेयर अभिलाषा गुप्ता पर भी दो गंभीर मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। कानपुर की मेयर प्रमिला पाण्डेय और अयोध्या के पहले मेयर ऋषिकेश उपाध्याय पर भी एक-एक मामले दर्ज हैं। बकायेदारी की बात करें तो आगरा, गोरखपुर, कानपुर, अयोध्या, मथुरा, फिरोजाबाद के मेयरों पर किसी किस्म की बकायेदारी नहीं है।

योगी के शहर में सबसे कम पढ़ा-लिखा मेयर निर्वाचित

पढ़ाई-लिखाई के मामलों में पांच शहरों के मेयर तनिक फिसड्डी हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में नव-निर्वाचित मेयर सीताराम जायसवाल सिर्फ हाईस्कूल हैं। अलबत्ता सीताराम जायसवाल की हैसियत साढ़े आठ करोड़ रुपए हैं, जबकि उनके ऊपर कोई बकायेदारी नहीं है। इसके अतिरिक्त कानपुर और मेरठ की मेयर प्रमिला पाण्डेय और सुनीता वर्मा इंटरमीटियट हैं। गाजियाबाद और अलीगढ़ के मेयर भी कम पढ़े-लिखे हैं। सबसे ज्यादा पढ़ाई के मामले में बरेली के मेयर उमेश गौतम हैं, जोकि पीएचडी हैं। इसके अतिरिक्त फिरोजाबाद, झांसी, अयोध्या, वाराणसी और सहारनपुर के मेयर परास्नातक हैं, जबकि शेष अन्य स्नातक।

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