झांसी-पटवारी गुट ने कंचन पर साधा निशाना, बताया अहंकारी

झांसीः अपने से पराये हुयी कंचन आहूजा मे  संजय पटवारी गुट को अब कमियां नजर आने लगी। उप्र व्यापार मंडल से उप्र उद्योग व्यापार मंडल मे  शामिल हुयी कंचन आहूजा पर संजय पटवारी गुट के समर्थको  ने जमकर निशाना साधा। मार्केट संवाद मे  प्रकाशित खबर के बाद उन्हे  अहंकारी बताते हुये परोक्ष रूप से टिप्पणी की गयी।

गौरतलब है कि उप्र व्यापार मंडल मे  महिला शाखा की जिलाध्यक्ष रही श्रीमती कंचन आहूजा ने बीते रोज उप्र उद्योग व्यापार मंडल को ज्वाइन कर लिया था। समाचार पत्र के अलावा पोर्टल मे  भी खबर प्रकाशित हुयी।

मार्केटसंवाद ने भी खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होने के बाद सोशल मीडिया पर संजय पटवारी गुट को कंचन मे  तमाम खराबी नजर आने लगी।

पटवारी के समर्थक अपनी भड़ास निकालने से नहीं चूके। उन्हांेने सीधे तौर पर कंचन को मैं यानि अहंकारी मानते हुये बाहर निकलने पर खुशी जाहिर की।

इस मामले मे  कंचन आहूजा से जब मार्केटसंवाद ने बात की, तो उन्होने  कहा कि किसी के कहने से उन्हे  कोई फर्क नहीं पड़ता।

सभी जानते है कि कौन कैसा है? वो अपने काम को पूरी शिददत से करने मे  विश्वास रखती हैं।

आपको बता दे कि उप्र व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय पटवारी ने जब महिला शाख का गठन किया था, तो बागडोर कंचन आहूजा के हाथ दी थी। कंचन आहूजा नगर की प्रतिष्ठित महिला हैं और उन्हांेने उप्र व्यापार मंडल मे  पदभार संभालने के बाद संगठन को काफी विस्तार दिया।

जानकार बताते है कि संजय पटवारी का महिला शाखा को दो भागो  मे  बांटने का प्लान ही विवाद की जड़ बन गया। क्यांेकि संजय के करीबी लोगो  ने कुछ महिलाओ  को संगठन से जोड़ने का प्रस्ताव रखा था।

इसके बाद कुछ बड़े घराने की महिलाओ  को भी शामिल किया जाना तय हुआ। संगठन मे  बड़े नाम शामिल होने से संजय के संगठन को काफी फायदा हुआ, लेकिन अंदर ही अंदर विरोध की चिंगारी भड़कने लगी।

इस चिंगारी को दबाने मे  संजय पटवारी अपनी परिपक्वता का परिचय नहीं दे पाये, नतीजा यह हुआ कि कुछ महिला पदाधिकारियो  के बीच शब्दो के तीर चलने लगे।

इससे पहले की मामले को संजय समझ पाते, निकाय चुनाव ने बाजी को और उलटा कर दिया। महिला सदस्यो  की नाराजगी के साथ संगठन के दूसरे सदस्य भी नाराज हो गये।

कंचन ने हालातो मे  खुद को समन्वय ना होता देख अलग करने मे  ही भलाई समझा। हालांकि अब संजय पटवारी के समर्थक इसे अपने नजरिये से देखते हुये कंचन को संगठन के लायक ही नहीं मान रहे।

देखना यह है कि अब संजय किस प्रकार से नयी टीम का गठन करते हैं। जानकार बता रहे है कि कंचन के जाने से आहत संजय पटवारी और उनके सलाहकारो  ने बैठक कर विरोध गुट को जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। यानि आने वाले दिनो मे  व्यापारी राजनीति मे  वर्चस्व को लेकर संजय नये प्रकार के दांव आजमा सकते हैं।

 

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