झांसी । बुन्देलखण्ड राज्य बनवा देने का वादा सु. श्री. उमा भारती जी, मा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मा. श्री राजनाथ सिंह जी ने किया था। 3 साल की जगह 9 साल 6 माह का समय गुजर गया पर केंद्र सरकार में अभी तक कार्यवाही तक प्रारम्भ नही हुई है।
*तीन साल में बुंदेलखंड राज्य बनवा देने का वादा कर मुकर जाने वाले छलियो, झूठो, वादा ख़िलाफियो, जुमलेबाजो एवं बरगला कर वोट लेने वालों को मध्य प्रदेश विधान सभा क्षेत्र के सभी वार्डो एवं ग्रामो में जाकर रामराजा सरकार के चरणों में पुजवाए गए राम बंधनों को “राम कौ कौल” चढ़ाकर लोगो की कलाई पर बांध कर वादा खिलाफ़ी करने वालो को हरवाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है*।
इसी क्रम में बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा एक फोल्डर बनवाया गया है जिसमे *नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह एवं उमा भारती द्वारा बुंदेलखंड राज्य के लिए जो झूठ बोला है उसे अक्षरश: लिखा गया है*।
*फोल्डर में श्री अमित शाह ने अवैध खनन को रोककर हर बुन्देली को एक मारुती कर देने का जो झूठ बोला है उसका विवरण भी लिखा गया है*।
इन फोल्डर को मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में आने वाली समस्त विधान सभाओ में जाकर घर घर बाँट कर लोगो से अपील की जाएगी की फोल्डर को अच्छी तरह पढ़कर मनन करें और राज्य निर्माण के साथ छलावा करने वालो को ऐसा सबक सिखाये जिससे आने वाले समय कोई बुंदेलखंड के लोगो की भावनाओं से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा पाए।
सनातन, सनातन और जय श्रीराम, जय श्रीराम कहने वाले क्यों चुप है ज़ब रामराजा सरकार के मंदिर ओरछा को टीकमगढ़ आयकर विभाग केंद्र सरकार द्वारा 46 लाख रु. का आयकर वसूली का नोटिस माह मार्च में भेजा गया था जिसे आज तक वापस नहीं लिया गया है। भगवान राम का अपमान अब सनातनियों को दिखाई क्यों नहीं दे रहा है। जनता से अपील है की इन झूठे सनातनियों को सबक सिखाये।
*टीकमगढ़ के न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओ, वादकारियों एवं मंडी में किसानो व मजदूरों की कलाइयो पर राम बंधन बाँधे गए एवं फोल्डर जिसमे नरेन्द्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह एवं उमाभारती द्वारा जो वादा खिलाफ़ी की गई, झूठ बोला गया वह अक्षरश: छपवा कर बाँटे गए*।
झूठो के खिलाफ राम कौ कौल चढ़ा कर इन्हे बुंदेलियो की भावनाओं से अवगत करवाते हुए सबक सिखाने की अपील की गई ।
राम बंधन बाँधने एवं फोल्डर बाँटने वालो में वालो में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय, अशोक सक्सेना एडवोकेट, रधुराज शर्मा, कुंवर बहादुर आदिम , प्रदीप झा आदि बड़ी संख्या में बुन्देली योद्धा शामिल रहे।