विषय भोग को त्याग परमात्मा की कृपा का सहारा लें:संदीप कृष्ण
झाँसी। पुरानी तहसील स्थित सांई मंगलम में ओमहरे परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिवस श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथा व्यास संदीप कृष्ण महाराज ने कहा कि सांसारिक सुखों की आकांक्षा में लोग नशे मदहोश होकर सांसारिक साम्राज्य में तो बहुत ऊंचे पहुंच गये हैं परंतु आध्यात्म,आनंद और प्रेम के साम्राज्य में आज भी हम सब बहुत पिछडे हुए हैं। उसका कारण है कि नशे में चूर होकर जीवन रुपी नौका को संसार रुपी सागर में चला रहे हैं परंतु यह हमारे जीवन की नौका विषय भोग रुपी रस्सी से सागर के किनारे बंधी हुयी है। अतः हमें चाहिए कि हम विषय भोग रुपी रस्सी को त्यागकर परमात्मा की कृपा रुपी हवा का सहारा लेकर चलायेंगे तो जीवन रुपी यह नौका संसार रुपी भव सागर सागर से अवश्य पार हो जायेगी।
श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि गुरु और मित्र से छल कपट कपट नहीं करना चाहिए अन्यथा उसका प्रारब्ध कभी न कभी भोगना ही पडता है। वे कहते हैं कि सुदामा श्रीकृष्ण के सच्चे सखा, प्रभु के अनन्य भक्त एवं परम ज्ञानी थे, उन्हें मालूम था कि पोटली में बंधे चने श्रापित हैं और श्रापित चने कन्हैया खा लेगा तो वह दरिद्र हो जाएगा यह सोचकर ही उन्होंने पूरे चने स्वयं खा लिये।इससे पूर्व उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के 16108 विवाह, कोंड्रिय, शिशुपाल एवं जरासिंध उद्धार के साथ राजसूय यज्ञ आदि प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया।
कथा व्यास ने सुंदर भजन “अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो कि दर पै सुदामा गरीब आ गया है।” सुनाये जिन्हें सुन श्रोता झूम उठे।
प्रारंभ में यजमान परिवार से माताजी राममूर्ति देवी, रमेशचंद्र राजकुमारी, महेशचंद्र राधारानी, सुरेशचंद्र भारती, कृष्णबिहारी सुनीता एवं विनीता विनयकुमार एवं अभिषेक ओमहरे ने कथा व्यास का माल्यार्पण कर श्रीमद भागवत पुराण का पूजन कर आरती उतारी।संचालन आचार्य अरबिंद दुबे ने किया। संगीतमय कथा में कीबोर्ड प्लेयर पं जयदीप मिश्रा एवं राजूसिंह नादान पेडवादक हरपाल सिंह, ढोलक पर सूरज भैया ने साथ दिया एवं सखी महाराज गिरधारीलाल शर्मा ने सुंदर सुंदर झांकियां सजाकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
इस मौके पर लखन लाल राय,अनूप सिंह चौहान,देवेन्द्र श्रीवास्तव, ओम प्रकाश सोनी, रेखा गुप्ता, श्याम रायसंस्कार नारायणदास यादव, मानसिंह यादव, रामप्रकाश शिवहरे, रामबाबू शिवहरे, जगमोहन महाजन, रामबाबू शर्मा, रघुनाथ प्रसाद शर्मा, राजेंद्र प्रसाद,दीपक हयारण, अन्नू गुप्ता, अमन ओमहरे, आशा शिवहरे, राजनारायण,शैलेंद्र सिंह गौर आदि मौजूद रहे।अंत में कृष्णबिहारी ओमहरे ने सभी का आभार व्यक्त किया।