नई दिल्ली 11 अप्रैलः फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग को अमेरिकी सीनेटर के साथ हुयी बैठक मे सवालो के जवाब देना भारी पड़ गया। वो कई बार पानी पीते नजर आये।
UPDATE: सेनेटर – क्या आपको इस बात की जानकारी है कि फेसबुक के कितने यूजर प्राइवेसी पॉलिसी को पूरा पढ़ते हैं?
जकरबर्ग- नहीं, इस बात की जानकारी नहीं है. ज्यादातर लोग प्राइवेसी पॉलिसी को पूरा नहीं पढ़ते.
UPDATE:सेनेटर – फेसबुक डॉर्म रूम से काफी बदल चुका है. फेसबुक ने टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया और तब से ऐल्गोरिद्म भी बदला है. कैंब्रिज अनालिटिका के बाद से नया सवाल खड़ा हुआ है. क्या यूजर्स उन चीजों पर भरोसा कर सकते हैं जो न्यूज फीड पर देखते हैं, क्योंकि फेसबुक से ट्रस्ट कम हो रहा है लोगों का. क्या फेसबुक मोबाइल डिवाइस के ऑडियो को यूज करता है? आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को किस तरह से देखते हैं जब बात कंज्यूमर सिक्योरिटी की बात आती है..
जकरबर्ग – आप कॉन्स्पिरेसी थ्योरी की बात कर रहे हैं हम मोबाइल से ऑडियो नहीं लेते ना ही रिकॉर्ड करते हैं. AI सिस्टम फैसला लेते हैं जो कई बार यूजर्स को समझ नहीं आता कि वो फैसला किस आधार पर लेते हैं. आने वाले समय में यह तय किया जाएगा कि उनके फैसला लेने का सिद्धांत क्या है.
UPDATE: सेनेटर – कल फेसबुक ने 87 मिलियन यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजना शुरू किया जिसमें से मेरी बेटी भी है जिसे ये नोटिफिकेशन मिला है. कितने स्टेट के यूजर्स हैं इसमें? डेटा डिलीट होने में कितना वक्त लगता है. क्या कॉल और मैसेज रिकॉर्ड किए हैं?
जकरबर्ग – इस बारे में जानकारी नहीं है. हां अकाउंट डिलीट करने के बाद डेटा डिलीट किया जाता है. इसके बारे में मेरे पास अभी जवाब नहीं है कि डेटा डिलीट होने में कितना वक्त लगता है. (इस सवाल के भी जवाब में जकरबर्ग हकलाते हुए दिखे और कहा कि अभी मैं यह नहीं कह सकता कि इसमें कितना समय लगता है)
नहीं कॉल और टेक्स्ट रिकॉर्ड नहीं किए हैं, लेकिन मैसेंजर में एक ऐसा फीचर है जिससे मैसेज को टेक्स्ट में इंपोर्ट किया जा सकता है और वैसे ही टेक्स्ट स्टोर होते हैं, यह फीचर एंड्रॉयड स्मार्टफोन में है.
UPDATE: सेनेटर – डिस्क्रिमिनेशन को लेकर इस देश का इतिहास खराब रहा है. फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म को डिस्क्रिमिनेशन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. विज्ञापन देने वाले भी फेसबुक यूजर्स में डिस्क्रिमिनेट कर रहे हैं जो फेडरल कानून का उल्लंघन भी है. जांच में पता चला कि फेसबुक अभी भी वैसे विज्ञापन पर काबू नहीं पा रहा है जिसमें डिस्क्रिमिनेशन वाले विज्ञापन होते हैं. हाल ही में एक मुकदमा दायर किया गया था जिसमे ऐसे विज्ञापन के बारे में कहा गया जो डिस्क्रिमिनेशन वाला था.
जकरबर्ग – यह महत्वपूर्ण सवाल है. AI टूल से ऐसे कॉन्टेंट पर काबू पाया जाता है. हर एक तरह की चीजों को एक एक करके रिव्यू कर पाना मुश्किल है. इस तरह के क्षेत्र में हमें ज्यादा रिव्यू करने की जरूरत है. (इस सवाल पर भी मार्क जकरबर्ग गोल मोल जवाब देते दिख रहे हैं)
UPDATE : सेनेटर – बग बाउंटी प्रोग्राम के बारे में — फेसबुक पर बग बाउंटी को बढ़ावा दिया है आपने. आप बग बाउंटी प्रोग्राम को इस तरह की समस्याओं का समधान करने को लेकर कैसे देखते हैं.
जकरबर्ग – मैं आपका सवाल नहीं समझ पा रहा हूं. इसका जवाब मेरी टीम आपको दे सकती है बाद में.
UPDATE: सेनेटर – कमाल की स्टोरी है डॉर्म रूम से यहां तक की. क्या आपको लगता है आप ज्यादा पावरफुल हैं? जब कंपनियां बड़ी हो जाती हैं तो या तो वो रेग्यूलेट करती हैं या ब्रेक कर जाती हैं, ऐसा इतिहास रहा है, आप इसे कैसे देखते हैं.?
फेसबुक असल में क्या है? लोग समझते हैं आप दुनिया के सबसे बड़े पब्लिशर हैं, क्योंकि कॉन्टेंट फेसबुक पर ही पढ़े जाते हैं. आप टेक कंपनी हैं दुनिया के सबसे बड़े पब्लिशर हैं
जकरबर्ग: 2 बिलियन यूजर्स हैं हमारे पास जो दुनिया भर में फैले हैं और इसके लिए अमेरिकी को गर्व होना चाहिए. मैं इस तरह का इंसान नहीं हूं, रेग्यूलेट नहीं कर सकता मैं.
मुझे लगता है हम टेक कंपनी है. हम कॉन्टेंट के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन हम कॉन्टेंट बनाते नहीं हैं इसलिए हम कॉन्टेंट कंपनी नहीं हैं और हमें टेक कंपनी कहा जाना चाहिए और हम प्रोडक्ट्स बनाते हैं.
UPDATE: सेनेटर – क्या रूस और चीन की सरकार के पास फेसबुक का डेटा है? जैसे कैंब्रिज अनालिटिका के केस में देखने को मिला है?
जकरबर्ग – ऐप्स के पास किस तरह का डेटा है इसकी जांच कर रहे हैं. हम यह नहीं कह सकते कि किस के पास कितना डेटा है.
UPDATE : सेनेटर: क्या फेसबुक को यूजर की परमिशन की जरूरत नहीं है जब वो उनका डेटा बेच रहा है? क्या आप ऑप्ट इन
जकरबर्ग- हमें परमिशन की जरूरत होती है. लेकिन हम जानकारी बेचते ही नहीं हैं.
UPDATE: सेनेटर – क्या आप हेट स्पीच को डिफाइन कर सकते हैं? आप एक पिता के तौर पर क्या आप सोशल मीडिया से परेशान हैं ?
जकरबर्ग – यह काफी मुश्किल सवाल है. लेकिन किसी भी तरह का वायलेंस फेसबुक पर नहीं किया जाना चाहिए और इसे हम रोकने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
किसी भी टूल का अच्छा और बुरा इस्तेमाल किया जाता है वैसे ही फेसबुक भी है.
UPDATE: सेनेटर – कितने तरह के डेटा फेसबुक स्टोर करता है ? 2 बिलियन यूजर्स के 96 कैटिगरी के डेटा फेसबुक स्टोर करता है? क्या है ये ? आप किस तरह का डेटा अपने सर्वर पर स्टोर कर रहे हैं? क्या आप टेक्स्ट हिस्ट्री, ऐक्टिविटी और डिवाइस लोकेशन भी स्टोर करते हैं?
जकरबर्ग – हमें नहीं पता आप किस बारे में बात कर रही हैं. दो कैटिगरी हैं जो मुझे लगता है- कॉन्टेंट जो यूजर खुद देता है और दूसरा वो है जो विज्ञापन के लिए हम लेते हैं. इन दोनों तरह के डेटा पर आपका कंट्रोल है. फेसबुक इन दोनों तरह के डेटा को स्टोर करता है. हम लोगों का डेटा स्टोर करते हैं. टेक्स्ट हिस्ट्री, ऐक्टिविटी और डिवाइस लोकेशन यूजर्स की मर्जी से स्टोर करते हैं.
UPDATE: सेनेटर – आप यूजर्स के डेटा से पैसा कमाते हैं और कहते हैं यूजर डेटा के खुद मालिक हैं? ये कैसे संभव है?
जकरबर्ग – आपका डेटा आपका ही है इसका मतलब ये है कि आप खुद से डेटा फेसबुक पर शेयर करना चाहते हैं.
UPDATE: सेनेटर -यूजर्स को चिंता होती है कि आप उसकी ब्राउजिंग हिस्ट्री ट्रैक करते हैं, यूजर के उस तरह के डेटा का आप क्या करते हैं? उदाहरण के तौर पर मैं व्हाट्सऐप के जरिए किसी से बात कर रहा हूं क्या वो किसी विज्ञापनदाता को पता चलेगा?
जकरबर्ग – मैं इसे ठीक से नहीं समझ पा रहा हूं आप क्या कहना चाहते हैं. व्हाट्सऐप के मैसेज के बारे में विज्ञापनदाता को नहीं पता चलता है..
UPDATE: सेनेटर – डेटा आपके बिजनेस मॉडल का सेंटर प्वॉइंट है और डेटा से ही पैसे कमाते हैं. आप क्यों नहीं यूजर्स को बताते हैं कि उनका डेटा आप कैसे यूज करेंगे और किस तरह का डेटा कलेक्ट करते हैं जिनके बारे में उन्हें नहीं पता है
जकरबर्ग – आम तौर पर दो तरह के डेटा फेसबुक के पास होते हैं. पहला वो जो यूजर्स खुद से फेसबुक को देते हैं और उसे फेसबुक पर शेयर करते हैं. दूसरा डेटा वो है जो हम विज्ञापन के लिए कलेक्ट करते हैं और वो यूजर के बिहेवियर को लेकर है ताकि उन्हें सही विज्ञापन दिए जा सकें. आप चाहें तो इसे बंद कर सकते हैं ताकि फेसबुक आपका डेटा नहीं ले.
जकरबर्ग – लोग खुद चुनते हैं कि कौन सी जानकारी ऐप डेवेलपर के साथ शेयर करेंगे.
UPDATE: सेनेटर – फेसबुक ट्रेंडिग न्यूज में छेड़छाड़ करता है और जानबूझ कर कई पेज अपने फायदे के लिए डिलीट करता है? ऐसा क्यों हैं? क्या फेसबुक किसी का सपोर्ट करता है? क्या आप 15 हजार लोगों के पॉलिटिकल झुकाव के बारे में जानते हैं?
जकरबर्ग – हम किसी के पॉलिटिकल व्यू के बारे में नहीं पूछते और न ही इससे फेसबुक में जॉब तय किए जाते हैं.
UPDATE: सेनेटर – क्या आपको नहीं लगता कि यूजर्स को साफतौर पर जानकारी मिलनी चाहिए कि उनका डेटा कहां बेचा जा रहा है और कैसे यूज किया जा रहा है?
जकरबर्ग : आपकी बात सही है और मैं इससे सहमत हूं. हमारे पास डाउनलोड योर डेटा टूल है जिससे यूजर्स अपना डेटा डाउनलोड कर सकते हैं
UPDATE : सेनेटर – ऐलेक्जेंडर कोगन के ऐप के टर्म्स ऑफ सर्विस में लिखा था कि वो डेटा बेच सकते हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या आपको इसकी जानकारी है? क्या इसके लिए किसी को कंपनी से निकाला गया है?
जकरबर्ग – ऐप रिव्यू टीम इसके लिए जिम्मेदार है, लेकिन अभी तक किसी को निकाला नहीं गया है. मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. मुझे ऐप के टर्म्स के बारे में जानकारी नहीं है
UPDATE : सेनेटर – अगर हम फेसबुक अकाउंट डिलीट करना चाहें तो क्या हम पहले शेयर किया गया डेटा डिलीट कर सकते हैं? उन डेटा का क्या जो आपने पहले से विज्ञापन के लिए बेच दिया है.
जकरबर्ग – हां आप ऐसा कर सकते हैं. हम विज्ञापन के लिए डेटा नहीं बेचते हैं ये एक गलतफहमी है.
UPDATE : सेनेटर – किस तरह की जानकारियां फेसबुक कलेक्ट कर रहा है और किसे भेज रहा है? हाल ही में मैसेंजर किड्स आया है जो 6-12 साल के बच्चों के लिए है. क्या गारंटी है की बच्चों का डेटा आप शेयर नहीं कर रहे हैं?
जकरबर्ग – यूजर्स के पास कंट्रोल है कि वो किसके साथ क्या शेयर करना चाहते हैं. बच्चों का मैसेंजर कम से कम डेटा यूज किया जाता है और इसे किसी भी थर्ड पार्टी ऐप के साथ शेयर नहीं किया जाएगा.
UPDATE -सेनेटर -क्या आप फेसबुक से कनेक्ट किए गए डिवाइस को ट्रैक करते हैं. क्या फेसबुक डिवाइस को भी ट्रैक करता है? क्रॉस डिवाइस ट्रैकिंग.
जकरबर्ग – मेरे पास अभी इस सवाल का जवाब नहीं है. बाद में इसका जवाब दिया जा सकता है. इसके बारे में मेरे पास इनफॉर्मेशन नहीं है. फेसबुक दूसरे ऐप का डेटा कलेक्ट नहीं करता है. अगर आप गूगल या टेक्स्ट ऐप यूज कर रहे हैं तो फेसबुक इन डेटा को नहीं देखता है.
UPDATE -सेनेटर – क्या सोशल मीडिया पर फेसबुक का एकाधिकारवाद है
जकरबर्ग – मुझे ऐसा नहीं लगता है.
UDPATE – सेनेटर – फेसबुक की वजह से किसी की जान भी जा सकती है ऐसा फेसबुक के ही अधिकारी ने कहा है? इस पर आपका क्या कहना है? आपके प्रतिद्वंदी कौन हैं? क्या आपका सोशल मीडिया पर एकाधिकारवाद है?
जकरबर्ग – मैं इससे सहमत नहीं हूं, उन्होंने इंटरनल नोट में ऐसा लिखा है. गूगल, ऐपल और अमेजॉन हमारे प्रतिद्वंदी हैं. हमारा सोशल मीडिया पर एकाधिकारवाद नहीं है..
बैठक में फेसबुक डेटा लीक और कैम्ब्रिज एनालिटिका के मसले पर अनौपचारिक चर्चा में पीएम ने इस पर चिंता जाहिर की थी. पीएम ने वरिष्ठ मंत्रियों से कहा कि देखें कि इस मामले में क्या किया जा सकता है. इस बात पर विचार हुआ कि तमाम सोशल मीडिया दिग्गजों के सर्वर भारत में नहीं होते, इसलिए उनको रेगुलेट करना कठिन है. इसलिए उनसे भारत में अपना एक सर्वर स्थापित करने के लिए कहना एक विकल्प हो सकता है.
फेसबुक, गूगल, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसी दिग्गज कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर तैयार हुए डेटा का ज्यादातर हिस्सा विदेश में स्थित सर्वरों में है. ज्यादातर सर्वर अमेरिका में हैं और उनके डेटा को अमेरिकी कानून और कुछ अंतरराष्ट्रीय समझौतों के द्वारा रेगुलेट किया जाता है. फेसबुक डेटा लीक और कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले की जांच सरकार द्वारा की जा रही है और सरकार डेटा सुरक्षा के सभी पहलुओं की समीक्षा कर रही है.