Jhansi: सफल जीवन हेतु पति पत्नी एक दूसरे के अतिरिक्त उनके परिजनों को भी दें सम्मान- डॉ० संदीप

15 जोड़ों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर आजीवन साथ निभाने की खाई कसमें

झाँसी। जय बाबा महाकाल समिति के तत्वाधान में मोंठ स्थित शीतला माता मंदिर में सर्वजातीय सामूहिक कन्या विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, समाजसेवी संदीप सरावगी एवं एमएलसी रमा निरंजन उपस्थित रहीं। इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 15 जोड़ों ने एक दूसरे को वरमाला पहनकर दांपत्य जीवन में प्रवेश किया और जीवन भर एक दूसरे का वचन निभाने की कसमें खाई। नवदंपतियों को डॉ० संदीप सरावगी द्वारा उपहार एवं नगद राशि प्रदान की गई। कार्यक्रम में सर्वप्रथम मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण एवं प्रशस्ति चिन्ह देकर भव्य स्वागत किया गया तत्पश्चात मंत्रोच्चारण के साथ वैवाहिक कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों द्वारा नव विवाहित जोड़ों को सुखमय वैवाहिक जीवन एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में मातृशक्ति के रूप में पार्षद रजनी सोनी व भारती देवी उपस्थित रहीं इनके अतिरिक्त नगर पालिका पार्षद दयाल जी, अरविंद वर्मा, धर्मेंद्र वर्मा, अंजना शशिकांत खरे, साबिर कुरेशी के साथ व्यवस्थापक दिलीप सोनी, कार्यक्रम संयोजक ऋषि राणा, सहसंयोजक आशुतोष व्यास पुरोहित, धर्मेंद्र माली, डॉ. अनिल तिवारी, राज कपूर यादव, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, आशीष विश्वकर्मा उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉक्टर संदीप ने कहा सनातन धर्म में विवाह को आवश्यक संस्कार माना गया है विवाह दो आत्माओं के साथ दो परिवारों का भी संगम है। इस संगम के फल स्वरुप है वंश आगे बढ़ता है विवाह के बाद पति-पत्नी को एक दूसरे के प्रति समर्पित होना चाहिए और एक दूसरे की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखना चाहिए। आगे के क्रम में मंच से उद्बोधन करते हुए एमएलसी रमा निरंजन ने कहा सामूहिक विवाह कार्यक्रमों से जाति प्रथा जैसी कुरीतियों में कमी आती है ऐसे कार्यक्रमों में सर्व समाज के लोग एक ही छत के नीचे बैठकर वैवाहिक अनुष्ठानों का आयोजन करते हैं और साथ में भोजन कर भेदभाव मिटाने का भी कार्य करते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने वर वधु को आशीर्वाद देते हुए कहा आयोजन समिति द्वारा बहुत ही उत्कृष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सर्व समाज के जोड़ों ने एक दूसरे को माला पहनकर वैवाहिक जीवन में प्रवेश किया, ऐसे कार्यक्रमों में विवाह करने वाले युगल समाज के समक्ष एक अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। सामूहिक विवाह कार्यक्रमों से कई प्रकार के भेदभावों को समाप्त किया जा सकता है मैं आशा करता हूं कि आपकी संस्था आगे भी इसी तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती रहेगी।

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