आधुनिक युवा पीढ़ी और “रक्षा बन्धन” पर्व का महत्त्व! -सैयद शहनशाह हैदर आब्दी
हम सभी सामाजिक प्राणी है, जो एक-दूसरे से जुड़े रहने के लिए अपनी मर्ज़ी से रिश्तों के बंधन में बंधते है। ये बंधन हमारी आज़ादी का हनन करने वाले बंधन नहीं अपितु प्यार और स्नेह के बंधन होते हैं, जिन्हें हम जिंदादिली से जीते और स्वीकारते हैं। रक्षाबंधन, सात्विक प्रेम का त्योहार है। तीन नदियों…