नर्व दिल्ली 3 जुलाई। केंद्र सरकार के सामने ये संकट है कि वो किस तरह से वो आईडीबीआई बैंक को कर्ज से उबारे। इसके लिए लीछ को दांव पर लगाया जा रहा है। इससे एक खतरा ये सामने आ सकता है कि lic में जमा लोगों का पैसा संकट में ना आ जाएं।
IDBI बैंक को अगले कुछ वर्षों में एक बड़ी रकम की जरूरत है जिससे वह अपने गंदे कर्जों को पटाकर अपना लेखा-जोखा सुधार सके. यह रकम उसे किसी निजी खिलाड़ी को हिस्सेदारी बेचने पर नहीं मिल रही. ऐसी स्थिति में LIC से होने वाला 11 से 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश बैंक की स्थिति सुधारने के लिए बेहद अहम होगा.
इस सौदे से एक बात पूरी तरह साफ हो रही है कि केंद्र सरकार ने एक सरकारी बैंक को डूबने से बचाने के लिए यह फॉर्मूला निकाला है. इस फॉर्मूले के तहत उसे अपने खजाने से बिना पैसा खर्च किए सरकारी बैंक को बचाने का काम करना है.
हालांकि इस निवेश से LIC के पैसे पर खतरा मंडराने लगेगा. इस खतरे के चलते जीवन बीमा निगम में पड़ा आम आदमी का पैसा खतरे में आ जाएगा. आर्थिक जानकारों को इस बात का डर है कि LIC का IDBI बैंक में निवेश से LIC पर खतरे के साथ-साथ बीमा धारकों को पैसे लौटाने की उसकी क्षमता पर भी खतरा मंडराने लगेगा.