झांसी उर्स मुबारक सुफी संत हजरत हाजी बसीरूल औलिया का हकीदत के साथ बड़े उल्लास के साथ अमीट हाउस शिवाजी नगर में संपन्न हुआ सूफी संत हाजी सैयद बसीरूल औलिया के उर्स मुबारक में जालौन सागर दमोह कोच उरई ग्वालियर आगरा के मुरीद और अकीदतमंदों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया उर्स मुबारक का आगाज कुरान ख्वानी मिलाद ए पाक से किया गया शाम को सूफियाना अंदाज में महफीले ए शामा कव्वाली हुई अल्ताफ सुफी मोहसिन फैजानी कब्बाल ने हजरत बशीरूल औलिया की शान में एक से बढ़कर एक कलाम सुनाएं बाबा वसीरूल औलिया के मुरीदन को झूमने को मजबूर कर दिया रात भर बाबा के अकीदतमंदों ने महफिलें शामा कव्वाली का लुफ्त लेते रहे उर्स मुबारक के दूसरे दिन कुल शरीफ की राशम अदा की गई सैयद हाजी वसीरूल औलिया व हाजी सिराजुल औलिया के शहजादे गद्दी नसीन सूफी सैयद फैजान उल हक साहब ने देश में अमन और भाईचारे शांति की दुआएं की सभी मुरीदीन मिलजुल कर सिलसिले को आगे बढ़ाएं हजरत सूफी संत बशीरुल औलिया सिराजुल औलिया का साया हरदम हम पर रहे मुरीदन उर्स मुबारक के दौरान दरगाह हजरत खाकी शाह दरगाह हजरत निवाड़ी शाह दरगाह हजरत कलालन शाह दरगाह हजरत बशीर मियां पिछड़ी शाह दरगाह हजरत जीवन शाह बबीना हजरत सैयद एवाज अली कुतुबुद्दीन बिजौली हजरत करामात शाह बाबा के मजारों पर चादरपोशी व दुआएं की गई सैयद फैजान उल हक साहब ने कहा सभी मुस्लिम भाइयों को अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहिए जिससे देश और दुनिया का नाम रोशन करें हर हाल में आधी रोटी खाओ और अपने बच्चों को पढ़ाओ फजूल खर्चों पर रोक लगाकर नबी की सुन्नत तरीका से मस्जिद में आसान निकाह किया जाना चाहिए जिससे आपको दीन और दुनिया के बारे में जानकारी मिले बेटियों को हरदम पर्दे में रखें मोबाइल व सोशल मीडिया से दूर रखें घरों को स्वच्छ साफ सुथरा बनाए रखें जुम्मे जुमरात को अपने रब की वरगहा में जाकर अल्लाह का वसीला देकर मांगे हर दुआ कबूल होगी इस दौरान
सुफी सैयद बबलू भाई सुफी हाशीम,सुफी रहीश खान सुफी नफीस खान सुफी अमीर खान सुफी बबलू आजाद सुफी कलाम कुरैशी सुफी रसीद सुफी सुफी शाबूदीन मास्टर सुफी इनयात सुफी राशीद सुफी आसिफ सुफी शोएब सुफी अमन सुफी नासीर सुफी इरशाद सुफी फाईम सुफी फिरोज सुफी साबिर सुफी बाबू मास्टर सुफी महबूद सुफी इसराइल सुफी हनीफ सुफी नसीम सुफी रफीक सुफी आशु सुफी अजहर सुफी अकीब सुफी सकीब सुफी नहीम सुफी कल्लू सुफी शकील सुफी उबैस सूफी फैजल खान सूफी अमजद, सूफी अलाफाज आदि सैकड़ो की संख्या में उर्स मुबारक में रहे