Jhansi: धर्म और संस्कारों से शिक्षित होकर ही मनुष्य कर सकता है जीवन का उद्देश्य पूर्ण- डॉ० संदीप

डॉ० संदीप के मुख्य आतिथ्य में हनुमान जन्मोत्सव पर अखंड रामायण पाठ एवं भंडारे का आयोजन

झाँसी। हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर रेलवे स्टेशन ऑटो यूनियन के तत्वाधान में दो दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन रेलवे स्टेशन मेन गेट के समक्ष स्थित हनुमान मंदिर परिसर में किया गया। प्रथम दिन अखंड रामायण पाठ प्रारंभ होकर द्वितीय दिवस पर समापन हुआ साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। ऑटो यूनियन द्वारा विगत 7 वर्षों से प्रत्येक वर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे। सर्वप्रथम अतिथियों का माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया गया तत्पश्चात अतिथियों द्वारा अखण्ड रामायण पाठ का वाचन किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी डॉक्टर संदीप ने कहा सनातन धर्म में जिन देवी देवताओं को सर्वोपरि माना जाता है उन्हीं में से एक सभी के आराध्य अतुलित बलशाली पवन पुत्र हनुमान हैं। प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को सभी सनातनी हनुमान जन्मोत्सव मानते हैं। पवन पुत्र हनुमान को चिरंजीवी माना गया है इसीलिए उनके जन्मदिवस को हम जयंती के स्थान पर जन्मोत्सव के रूप में आयोजित किया जाता है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से हमारे देश में मंदिरों और सांस्कृतिक क्षेत्रों का जीर्णोद्धार द्रुत गति से चल रहा है जिससे देश की जनता संस्कृत तो हो ही रही है साथ ही आध्यात्मिकता की ओर भी बढ़ रही है। हमारे जीवन में आध्यात्म का विशेष महत्व है आध्यात्म से व्यक्ति विशेष में मानवीय गुणों और संस्कारों का संवहन होता है जिससे मानव अपने जीवन के उद्देश्य को परिलक्षित कर सकता है। हमें अपने अनुजों और वंशजों को भी अपने धर्म, धार्मिक ग्रंथो और संस्कारों से शिक्षित और दीक्षित करना चाहिये। मैं इस मंच से जनपदवासियों और समस्त देशवासियों को हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें देता हूँ। इस अवसर पर राम स्वरूप, अमित कुमार चौधरी, सुरेश कुमार साहू, जे.पी. महाराज, कमलेश कुशवाहा, सूरज रायकवार, महेश साहू, अजय नगरा, सुमित, बबलू खटीक, राहुल, रज्जन, विक्रम सिंह यादव एवं संघर्ष सेवा समिति से कमल मेहता, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, आशीष विश्वकर्मा, संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, राजू सेन, बसंत गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

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